महाबोधि मंदिर में आयोजित होने वाले सालाना पूजा समारोह का शेड्यूल जारी, धर्मगुरु दलाई लामा भी होंगे शामिल!

Mahabodhi Temple: बोधगया में आयोजित होने वाले बड़े आयोजनों में शामिल 17वां इंटरनेशनल त्रिपिटक चैंटिंग समारोह का आयोजन दो से 13 दिसंबर तक किया जायेगा. कोरोना महामारी के कारण महाबोधि मंदिर में भव्य तरीके से पूजा समारोहों का आयोजन नहीं हो पाया था.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 17, 2022 9:12 PM

बोधगया. विश्व शांति के लिए तथागत की ज्ञानभूमि विश्व धरोहर महाबोधि मंदिर में विभिन्न बौद्ध संगठनों द्वारा आयोजित किये जाने वाले सालाना पूजा समारोहों का शेड्यूल जारी कर दिया गया है. बोधगया मंदिर प्रबंधकारिणी समिति (बीटीएमसी ) के सचिव एन दोरजे व महाबोधि मंदिर के मुख्य पुजारी भिक्खु चालिंदा ने सालाना पूजा का शेड्यूल जारी किया है. इसमें बौद्ध भिक्षुओं के वर्षावास के समापन के बाद यानी 16 अक्तूबर को बोधिवृक्ष के नीचे महाकठिन चीवरदान समारोह के साथ पूजा समारोहों का आगाज होगा. इसमें विभिन्न देशों के बौद्ध मठों में प्रवास करने वाले बौद्ध भिक्षुओं को श्रद्धालुओं द्वारा चीवरदान किया जायेगा.

बोधगया मंदिर प्रबंधकारिणी समिति ने जारी किया शेड्यूल

इसका आयोजन महाबोधि मंदिर प्रबंधन द्वारा किया जायेगा. इसके बाद 25 अक्तूबर को वट् लाओ बोधगया इंटरनेशनल बौद्ध मठ द्वारा एक दिवसीय एक हजार बौद्ध भिक्षुओं के साथ पूजा, सूत्तपाठ व दान समारोह का आयोजन किया जायेगा. पूजा समारोहों के क्रम में 26 से 28 नवंबर तक तीन दिवसीय पूजा व साधना सत्र का आयोजन किया जायेगा. बोधगया में आयोजित होने वाले बड़े आयोजनों में शामिल 17वां इंटरनेशनल त्रिपिटक चैंटिंग समारोह का आयोजन दो से 13 दिसंबर तक किया जायेगा. इसी तरह ग्रेट शाक्या मोनलम का आयोजन 25 दिसंबर से तीन जनवरी तक व विश्व शांति के लिए डोलमा बुमचोग मोनलम का आयोजन नौ से 15 जनवरी तक किया जायेगा.

पूजा सत्र के दौरान फूलों से सजा महाबोधि मंदिर

बोधगया की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करने वाला बड़े पूजा समारोह में शामिल विश्व शांति के लिए 34वां निगमा मोनलम चेन्मो का आयोजन 22 से 31 जनवरी तक किया जायेगा. इसके बाद अन्य छोटे-छोटे पूजा समारोहों के साथ 24 फरवरी से सात मार्च तक बुद्ध के अक्षोभया मंत्र का सस्वर पाठ के साथ पूजा सत्र का समापन होगा. हालांकि, फिलहाल काग्यू मोनलम चेन्मो के आयोजन की तिथि तय नहीं की गयी है व आयोजन समिति द्वारा तिथि उपलब्ध कराने के बाद उपरोक्त तिथियों में समायोजन किया जायेगा. उल्लेखनीय है कि पिछले दो वर्षों से कोरोना महामारी के कारण महाबोधि मंदिर में भव्य तरीके से पूजा समारोहों का आयोजन नहीं हो पाया था. इंटरनेशनल विमानों के बंद होने के कारण विदेशी श्रद्धालु भी बोधगया नहीं पहुंच सके थे. लेकिन, इस वर्ष उम्मीद है कि बोधगया में बौद्ध श्रद्धालुओं की गहमागहमी बनी रहेगी.

Also Read: Sawan Somvar Vrat: सावन की पहली सोमवारी कल, शुभ योग में दो साल बाद शिवालयों में जलाभिषेक करेंगे शिवभक्त
बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा का प्रवचन भी है संभावित

बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा का प्रवचन भी इस वर्ष संभावित है. दलाई लामा दिसंबर के मध्य या फिर जनवरी के पहले सप्ताह में बोधगया पहुंच सकते है. दुनियाभर में फैले दलाई लामा के अनुयायियों का भी बोधगया आना हो सकता है. दलाई लामा के 87वां जन्मदिवस के अवसर पर बोधगया स्थित तिब्बत बौद्ध मठ के प्रभारी ने इस बात का जिक्र किया था कि पावन दलाई लामा इस वर्ष दिसंबर के माध्य में या फिर जनवरी के पहले सप्ताह में बोधगया पहुंच कर अपना टिचिंग सत्र का आयोजन कर सकते हैं.

Next Article

Exit mobile version