Bihar : विद्यार्थियों के लाभुक आधारित योजना का भुगतान रुका, छात्रवृत्ति के लिए जल्द शुरू होगा आवेदन
बिहार में अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग के प्रवेशिकोत्तर छात्रवृति योजना में वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए आवेदन पत्र मांगने की तैयारी की जा रही है. इसके लिए दस सितंबर से 9 अक्तूबर तक आवेदन मांगे जायेंगे.
बिहार में विभिन्न प्रकार की लाभुक आधारित योजनाओं से संबंधित 7.88 लाख लाभुक विद्यार्थियों का भुगतान रुक गया है. दरअसल मेधा सॉफ्ट पोर्टल पर जो आंकड़े अपलोड कियेे हैं, उसमें विसंगतियां पायी गयी हैं. माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने इसे गंभीर गलती माना है. हालांकि बच्चों के हित में सभी जिला शिक्षा एवं संबंधित पदाधिकारियों से कहा है कि इन आंकड़ों को पांच सितंबर तक दुरुस्त कर दें .
भुगतान नहीं होने पर पदाधिकारी देंगे जवाब
माध्यमिक शिक्षा निदेशक मनोज कुमार ने जिला शिक्षा पदाधिकारियों से कहा है कि अगर निर्धारित तिथि तक लाभुकों के आंकड़े दुरुस्त नहीं किये गये तो यह मान लिया जायेगा कि अब कोई लाभुक वंचित नहीं है. इसके बाद भी अगर कोई लाभुक कहता है कि उसे भुगतान नहीं हुआ है तो सारी जवाबदेही जिला शिक्षा पदाधिकारी की होगी.
लाभुकों के खाते में पैसे डाले गये
मालुम हो कि हाल ही में 26 अगस्त से पहले तक पूरे प्रदेश में 1.93 करोड़ लाभुकों के खाते में पैसे डाले गये. इनमें कुल चार फीसदी भुगतान आंकड़ों की विसंगति की वजह से खारिज हो गये. सर्वाधिक पूर्वी चंपारण, गया, मधुबनी, सीतामढ़ी एवं सारण में हित ग्रहियों के भुगतान रद्द हुए हैं. वित्तीय वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 में विभिन्न प्रकार की योजना से जुड़े लाभुकों को राशि सीधे उनके खाते में डाली गयी है.
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प्रवेशिकोत्तर छात्रवृत्ति योजना के लिए आवेदन
अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग प्रवेशिकोत्तर छात्रवृति योजना में वित्तीय वर्ष 2022-23 के आवेदन पत्र मांगने की तैयारी है. इसके लिए दस सितंबर से 9 अक्तूबर तक आवेदन मांगे जायेंगे. इसका जल्दी ही विज्ञापन जारी किया जायेगा. यह निर्णय हाल ही में हुई शिक्षा विभाग की एक बैठक में लिया गया. इससे पहले वित्तीय वर्ष 2019-20, 2020-21 और 2021-22 के तहत पीएमएस पोर्टल पर 15 अगस्त तक प्राप्त आवेदनों को रद्द करने की कार्यवाही भी की जानी है. ताकि वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए आवेदन मांगे जा सकें. आगामी वर्षों के लिए राज्य के बाहर के संस्थानों में अध्ययन रत विद्यार्थियों को प्रवेशिकोत्तर छात्रवृति भुगतान के लिए शुल्क निर्धारण विभागीय स्तर पर कमेटी गठित करने का निर्णय लिया है.