पटना. अभिभावकों के लिए नये सत्र में बच्चों को पढ़ाने में जेब पर अधिक भार पड़ने वाला है. स्कूली बच्चों की किताबों की कीमत में बढ़ोतरी होने के साथ ही यूनिफॉर्म और स्कूल के वाहनों के किराये में भी 20 से 25 फीसदी तक बढ़ोतरी की गयी है. शहर के अधिकतर स्कूलों में ट्रांसपोर्टेशन चार्ज में बढ़ोतरी की गयी है. ज्यादातर स्कूलों में कॉन्ट्रैक्ट पर ही ट्रांसपोर्टेशन की फैसिलिटी दी जाती है. इसकी वजह से ट्रांसपोर्टर द्वारा किराया बढ़ाये जाने पर अभिभावक चाह कर भी स्कूल प्रबंधक से कुछ नहीं कह पाते हैं.
शहर के विभिन्न स्कूल प्रबंधकों का भी कहना है कि ट्रांसपोर्टर ने डीजल, टैक्स व स्टाफ का खर्च बता कर ही किराये में बढ़ोतरी की है. स्कूलों में ट्रांसपोर्ट की फैसिलिटी प्रदान करने वाले ट्रांसपोर्टर ने बताया कि कोविड की वजह से पिछले दो साल के बाद किराये में बढ़ोतरी की गयी है. उन्होंने बताया कि पहले आठ रुपये प्रति किलोमीटर के दर से किराया तय किया जाता था, जिसे बढ़ा 10 से 11 रुपये तक किया गया है. इस तरह जहां पहले अभिभावकों को महीने में 1400 से 1600 रुपये देने पड़ते थे, अब 1600 से 1900 रुपये तक खर्च करने पड़ रहे हैं. यूनिफॉर्म की कीमत में भी हुआ इजाफा
शहर के विभिन्न स्कूलों में नये सत्र में बच्चों में बच्चों के यूनिफॉर्म में भी 10 से 15 प्रतिशत तक का इजाफा किया गया है. कक्षा नर्सरी से लेकर आठवीं तक के विद्यार्थियों के यूनिफॉर्म की कीमत में बढ़ोतरी की गयी है. इसके साथ ही बेल्ट, टाइ, जूते और मोजे की कीमत बढ़ी है. बोरिंग रोड स्थित स्कूल यूनिफॉर्म दुकानदार ने बताया कि अलग-अलग स्कूलों के यूनिफॉर्म में 10 से 15 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी की गयी है. कक्षा एक के विद्यार्थियों की एक सेट यूनिफॉर्म पहले एक हजार से 12 सौ रुपये में आता था, अब 1200 से 1400 रुपये में आ रहा है. वहीं बेल्ट व टाइ की कीमत में भी 100 से 200 रुपये तक का इजाफा किया गया है.
Also Read: गया जिले में 2024 तक होगा अमृतसर-दिल्ली-कोलकाता औद्योगिक कॉरिडोर का निर्माण, लगेंगे कई उद्योग
प्राइवेट स्कूल्स एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्यामल अहमद ने बताया कि स्कूली वाहनों के किराये में 20 से 25 तक बढ़ोतरी की गयी है. ट्रांसपोर्टर की ओर से डीजल, रोड टैक्स, इंश्योरेंस व स्टाफ का खर्च बता कर किराये में इजाफा किया गया है. अगर सरकार प्राइवेट स्कूलों के वाहनों पर लगने वाले कॉमर्शियल टैक्स को हटा दे तो अभिभावकों पर पड़ने वाला बोझ कम हो जायेगा