बिहार में मानसून की बारिश के साथ ठनका का प्रकोप बढ़ा है. गुरुवार को हुई बारिश में ठनका से चार लोगों की मौत हुई है, जिसमें एक व्यक्ति पूर्वी चंपारण और दूसरा कैमूर का रहने वाला है. औरंगाबाद में दो लोगों की मौत ठनके की चपेट में आने से हुई है. मानसून में ठनका से होने वाली घटना को कम करने के लिए जागरूकता अभियान शुरू किया गया है.
नवीनगर में वज्रपात से दो लोगों की मौत, पसरा सन्नाटा
औरंगाबाद के नवीनगर प्रखंड अंतर्गत टंडवा थाना क्षेत्र के खजूरी पांडू पंचायत के खपरमंडा टोले बुधन बिगहा गांव में हल्की बारिश के दौरान वज्रपात हुई. इस घटना में जानवर चराने निकले दो लोगों की मौत घटनास्थल पर ही हो गयी. मृतकों में उक्त गांव निवासी 58 वर्षीय जीतन यादव व 55 वर्षीय लल्लू यादव शामिल है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जीतन व लल्लू दोनों एक साथ बधार तरफ जानवर चराने के लिए घर से निकले थे.
बधार में बारिश के दौरान गिरा ठनका
मिली जानकारी के अनुसार, बधार में ही हल्की बारिश के दौरान तेज गर्जना के साथ वज्रपात हुई, जिसकी चपेट में दोनों व्यक्ति आ गये. कुछ ही क्षण में दोनों ने उसी जगह पर दम तोड़ दिया. इधर आसपास रहे कुछ लोगों की नजर जब अचेत पड़े जीतन और लल्लू पर पड़ी तो शोर मचाकर ग्रामीणों को बुलाया. देखते-देखते वहां ग्रामीणों की भीड़ लग गयी. अफरा-तफरी की स्थिति बन गयी. बता दें कि जिले में पिछले वर्ष एक दर्जन से अधिक लोगों की जान वज्रपात की चपेट में आने से गयी थी.
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स्कूल से घर लौट रहीं बच्चियों पर गिरा ठनका, एक की मौत
इधर, पूर्वी चंपारण के पिपरा थाना क्षेत्र के सरियतपुर गांव में एक छात्रा की आकशीय बिजली गिरने से मौत हो गयी. दूसरी घायल हो गयी है. दोनों गुरुवार को स्कूल से घर लौट रही थीं. मृत छात्रा सुरुचि कुमारी (8) उसी गांव के ललन साह की पुत्री थी . घायल रेशमी कुमारी (नौ) मधुरापुर गांव के कामख्या साह उर्फ कमल किशोर साह की पुत्री है. उसका इलाज मोतिहारी में चल रहा है. थानाध्यक्ष सुनील कुमार ने बताया कि सूचना पर पुलिस घटनास्थल पहुंची एवं बच्ची के शव को पोस्टमार्टम के लिए मोतिहारी भेज दिया. दोनों बच्चियां राजकीय मध्य विद्यालय सरियतपुर में तीसरे वर्ग में पढ़ती हैं. छुट्टी के बाद अपने घर लौट रही थी. इसी क्रम में बूंदाबांदी होने लगी और ठनका गिरा. दोनों उसकी चपेट में आ गयीं.
परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल
सुरुचि की मौत से परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है. उसकी मां बबीता देवी छाती पीट-पीट कर कह रही थी कि हमार बच्ची का बिगड़ले रल हे भगवान जे आज ओके उठा लिहल. रोते -रोते बेहोश हो गिर जाती थी. लोगों के समझाने बुझाने पर चुप होती थी. सुरुचि दो बहनों में छोटी बहन थी. एक भाई है. ग्रामीणों के अनुसार रेशमी कुमारी एवं सुरुचि ममेरी-फुफेरी बहन थी. रेशमी कुमारी बचपन से ही अपनी बुआ के यहां सरियतपुर रहती है.