बिहार में अब नवोदय विद्यालय की तर्ज पर ही छात्राओं के लिए विशेष स्कूल खोले जा रहे हैं. सरकार इसकी तैयारी में लगी है. दरअसल लड़कियों की शिक्षा को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हमेसा सक्रिय कदम उठाते रहे हैं और अब इसी दिशा में ये पहल की जा रही है जिसमें सूबे में अति पिछड़ा कन्या विद्यालय खोले जाने हैं. वर्तमान में 11 जिलों में ये विद्यालय संचालित हो रहे हैं अब 7 जिलों में इस विद्यालय के भवन निर्माण की मंजूरी मिल गयी है.
बिहार के सभी जिलों में नवोदय विद्यालय की तर्ज पर ही पिछड़ा-अति पिछड़ा कन्या विद्यालय खुलेगा. यह विद्यालय आवासीय होगा. इन स्कूलों में तमाम वही सुविधाएं होंगी जो नवोदय विद्यालय में दिए जाते हैं. एडमिशन भी नवोदय विद्यालय के जैसे ही मिलेगा. जबकि पढ़ाई और हॉस्टल भी उसी के तर्ज पर होंगे. बता दें कि पिछड़ा- अति पिछड़ा कल्याण विभाग ने इस संबंध में व्यापक कार्ययोजना तैयार की है.
इस समय 11 जिलों में ऐसे 12 विद्यालय चल रहे हैं. पटना में दो जबकि गया, सासाराम, सारण, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, समस्तीपुर, सहरसा, पूर्णिया, मुंगेर और भागलपुर में एक-एक विद्यालय हैं. पिछले दिनों 7 जिलों में विद्यालयों के भवन निर्माण की मंजूरी कैबिनेट ने दी दी है. इन जिलों में जल्द ही विद्यालय के भवन का निर्माण कार्य शुरू होने जा रहा है. जिसके बाद सूबे में कुल 18 पिछड़ा-अति पिछड़ा कन्या विद्यालय हो जाएगा. धीरे-धीरे सभी जिलों में इसका निर्माण होगा.
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बता दें कि हर जिले में ऐसे स्कूल में 550 के करीब छात्राओं के रहने और पढ़ने की व्यवस्था होगी. विभाग की ये योजना है कि वर्ष 2025 तक सभी जिलों में ये स्कूल खुल जाएं और विद्यालय का भवन निर्माण कार्य पूरा हो जाए. सूदूर इलाकों की पिछड़ा-अति पिछड़ा वर्ग की छात्राओं की पढ़ाई व भविष्य को लेकर बिहार सरकार ने ये फैसला लिया है.
Posted By: Thakur Shaktilochan