School Reopen Guidelines: नये वर्ष में चार जनवरी से बिहार के स्कूलों-कॉलेजों सहित अन्य शैक्षणिक संस्थानों में पढ़ाई शुरू हो रही है. लिहाजा इस बाबत बिहार सरकार (Bihar Govt) के शिक्षा विभाग (Education Department) ने शैक्षणिक संस्थानों के लिए कुछ निर्देश और प्रोटोकॉल (Protocol) जारी कर दिए हैं. कोरोना संक्रमण (Coronavirus) से विद्यार्थियों को बचाने के लिए कई एहतियात बरतने के लिए कहा गया है.
गाइडलाइंस (Guidelines) के मुताबिक, स्कूल में 50 प्रतिशत छात्र ही मौजूद रहेंगे. ऐसे में छात्रों को ऑर्ड इवन रोल नबंर से पढ़ाई होगी. जिससे सभी को मौका मिल सके. किसी भी कीमत पर 50 प्रतिशत से अधिक उपस्थिति स्कूलों में नहीं हो सकती है. इसके अलावा छात्रों के बीच कम से कम फीट की दूरी अनिवार्य हो.
बता दें कि चार जनवरी से सभी सरकारी और निजी स्कूलों में 9वीं और 12वीं की पढ़ाई शुरू हो रही है. कॉलेज और यूनिवर्सिटी में अंतिम वर्ष की क्लास और सरकारी ट्रेनिंग इंस्टीच्यूट शुरू होंगे. समीक्षा के बाद 18 जनवरी के बाद स्थिति को देखकर सभी क्लास चालू किया जा सकता है. सरकारी गाइडलाइंस के मुताबिक, शिक्षा विभाग शिक्षकों को कोरोना संक्रमण के रोकथाम के लिए ट्रेनिंग देगा. साथ ही जीविका समूह प्रत्येक छात्र को दो-दो मास्क का वितरण करेगी.
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स्कूल, कॉलेज और कोचिंग संस्थानों को सैनेटाइज करना जरूरी.
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छात्रों के लिए हैंड सैनेटाइज की व्यवस्था उपलब्ध कराना.
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डिजिटल थर्मामीटर, सैनेटाइजर, साबुन की व्यवस्था.
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स्कूल बसों को चलाने से पहले सैनेटाइज करना जरूरी.
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स्कूल, कॉलेज और कोचिंग को सैनेटाइज करने के लिए टीम का गठन करना होगा.
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छात्रों के बीच कम से कम छह फीट की दूरी.
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स्कूलों में एक सीट के बेंच-डेस्क को लगाना होगा.
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स्टाफ रूम, ऑफिस, विजिटर रूम में सोशल डिस्टेंसिंग को फॉलो करना होगा.
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एजुकेशनल इंस्टीच्यूशन, स्कूल, कोचिंग, कॉलेज के सभी गेट को आने-जाने के दौरान खोलना होगा.
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अभिभावक और स्टूडेंट्स के लिए पब्लिक एड्रेस सिस्टम का इस्तेमाल करना.
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सभी कोचिंग संस्थान फेज वाइज खोले जाएंगे.
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कोचिंग संस्थानों को कोरोना रोकथाम की जानकारी जिला पदाधिकारी को देनी होगी.
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एजुकेशनल संस्थानों में कोरोना गाइडलाइंस की जानकारी देनी होगी.
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ज्यादा एडमिशन वाले शैक्षणिक संस्थान में दो पाली में पढ़ाई संभव.
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सोशल डिस्टेंसिंग के उल्लंघन वाले आयोजनों से बचने का निर्देश.
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अभिभावकों और शिक्षकों के बीच वर्चुअल मीटिंग पर जोर.
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नए एडमिशन में बच्चों को अभिभावक के साथ आना जरूरी नहीं.
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छात्रों के स्कूलों में आने से पहले माता-पिता या अभिभावक की मंजूरी.
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कोई छात्र घर में पढ़ना चाहता है तो उसे इजाजत दी जाए.
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एजुकेशनल संस्थानों में स्वास्थ्य सुविधाओं की पर्याप्त व्यवस्था.
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छात्रों और शिक्षकों की नियमित स्वास्थ्य जांच.
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छुट्टी की पॉलिसी को लचीला बनाने के निर्देश.
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सभी कक्षाओं की परीक्षा को लेकर खास योजना बनाना.
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हॉस्टल में हर बेड के बीच पार्टिशन.
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ऑनलाइन स्टडी की असुविधा वाले छात्रों को हॉस्टल में रहने को प्राथमिकता.
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हॉस्टल में हॉयर क्लास के छात्रों को रहने को प्राथमिकता.
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हॉस्टल में आने से पहले छात्रों की स्वास्थ्य जांच.
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हॉस्टल में जरूरी कर्मचारियों के अलावा दूसरों की एंट्री बैन.
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मेस और किचेन की नियमित मॉनिटरिंग जरूरी.
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हॉस्टल में वाई-फाई और केबल कनेक्शन की व्यवस्था.
Posted By: utpal kant