School Reopen in Bihar: 4 से खुलेंगे स्कूल, अभिभावक की अनुमति पर बच्चे चाहें तभी जायेंगे, नहीं होगी कोई जोर-जबरदस्ती, जानिये पूरी गाइडलाइन
रोजाना कुल 50 फीसदी बच्चे ही पढ़ने आ सकेंगे. जिन शैक्षणिक संस्थानों में नामांकन अधिक हैं, उन्हें दो पारियों में संचालित किया जायेगा.
पटना. प्रदेश भर में चार जनवरी से स्कूल, कॉलेज और कोचिंग संस्थान खोल दिये जायेंगे. पहले चरण में नौवीं से 12वीं कक्षा तक की पढ़ाई शुरू होगी.
इन सभी कक्षाओं के आधे विद्यार्थियों को बुलाया जायेगा. बाकी विद्यार्थी अगले दिन आयेंगे. लेकिन, इसके लिए अभिभावकों की सहमति अनिवार्य है.
सुरक्षा मानकों की समीक्षा के बाद 18 जनवरी से सभी कक्षाओं में पढ़ाई की शुरुआत होगी. कक्षा संचालन के दौरान की तैयारियों के लिए शिक्षा विभाग ने गुरुवार को सख्त गाइडलाइन जारी कर दी. इसमें विद्यार्थियों के बैठने के बीच की न्यूनतम दूरी छह फुट रखी गयी है.
शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार की तरफ से जारी गाइडलाइन में विद्यार्थियों के स्वास्थ्य को प्राथमिकता में रखा गया है.
प्रधान सचिव संजय कुमार की तरफ से सभी विश्वविद्यालयों के कुलपति, सभी डीएम और डीइओ को साफ बतौर पर बता दिया है कि कक्षाओं का संचालन निर्धारित गाइडलाइन के मुताबिक होना चाहिए.
गाइडलाइन की मॉनीटरिंग के लिए टास्क फोर्स का गठन करने की बात भी कही गयी है. गाइडलाइन में कहा गया है कि अभिभावक की सहमति से ही बच्चे स्कूल आयेंगे.
रोजाना कुल 50 फीसदी बच्चे ही पढ़ने आ सकेंगे. जिन शैक्षणिक संस्थानों में नामांकन अधिक हैं, उन्हें दो पारियों में संचालित किया जायेगा.
विद्यार्थियों के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए प्रत्येक शैक्षणिक संस्थान को स्वास्थ्य परीक्षक, काउंसेलर, डॉक्टर और नर्स से अटैच किया जायेगा. बीमारी की छुट्टी की नीति को लचीला बनाने की बात कही गयी है.
गाइडलाइन में कहा गया है कि सभी विद्यार्थी, अभिभावक और माता-पिता से उनके स्वास्थ्य संबंधी स्थिति और यात्रा (अंतरराज्यीय/अंतरराष्ट्रीय) का स्व घोषणा पत्र लिया जायेगा.
माता-पिता या अभिभावक से सहमति
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– विद्यार्थियों की विद्यालय में उपस्थिति के लिए अभिभावक की सहमति जरूरी
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-विद्यार्थियों को माता-पिता की सहमति से घर पर पढ़ने की अनुमति दी जाये.
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– ऐसे विद्यार्थियों के अध्ययन की प्रगति की हो मॉनीटरिंग.
विद्यार्थियों के ठहराव की व्यवस्था
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– विद्यालय के सभी कर्मियों को मास्क पहनना जरूरी होगा
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– मास्क की अदला-बदली नहीं होगी
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– शिक्षण संस्थान संपर्कविहीन उपस्थिति पर रखेंगे ध्यान
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– विद्यार्थियों को घर का खाना खाने को कहा जायेगा
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– परिसर के अंदर और बाहर वेंडरों को खाद्य सामग्री बेचने की नहीं होगी अनुमति
टास्क टीम का गठन करना
आकस्मिक सुरक्षात्मक तैयारियों के लिए उत्तरदायी टीम का गठन. इसमें विद्यार्थियों, शिक्षकों और बिहार बोर्ड के सदस्यों को शामिल किया जायेगा.
समय तालिका
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– प्रत्येक कक्षा में 50% बच्चे पहले दिन और अगले दिन शेष 50% विद्यार्थी बुलाएं. इसी क्रम में उपस्थिति रखी जायेगी.
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– जिन शिक्षण संस्थानों में नामांकन अधिक हों, उन्हें दो पालियों में संचालित किया जायेगा
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– कक्ष छोटा हो तो प्रयोगशाला, पुस्तकालय, कंप्यूटर रूम में लगेगी क्लास
ऐसे होगी बैठक या कोई आयोजन
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– वैसे आयोजन से बचना चाहिए, इसमें सामाजिक या भौतिक दूरी का पालन संभव न हो.
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– समारोह, त्योहार आदि के आयोजन पर पाबंदी
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– ऐसे आयोजन अलग-अलग कक्षाओं में किये जायेंगे.
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– संभव हो तो अभिभावक-शिक्षक बैठक वर्चुअल होगी
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– नयी कक्षा में नामांकन के समय केवल अभिभावक को ही रखा जायेगा.
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– संभव हो तो ऑनलाइन नामांकन कराया जायेगा
मेडिकल सुविधा की उपलब्धता
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-प्रत्येक शिक्षण संस्थानों को बच्चों की मानसिक व शारीरिक जांच के लिए काउंसेलर, डॉक्टर, नर्स और स्वास्थ्य परीक्षक की उपलब्धता जरूरी
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– विद्यार्थियों का होगा नियमित स्वास्थ्य परीक्षण
अवकाश संबंधी नीति में होगा बदलाव
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– बीमारी संबंधी अवकाश नीति को लचीला बनाया जायेगा. आवेदकों को घर पर पढ़ने की होगी अनुमति
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– अधिकतम उपस्थिति के लिए नहीं मिलेगा पुरस्कार या मानदेय
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– परीक्षाओं के लिहाज से होगा अकादमिक कैलेंडर
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– विद्यालय खुलने से पहले विद्यार्थियों के पास पुस्तकों की उपलब्धता सुनिश्चित जरूरी
छात्रावास में सुरक्षित आवासन
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– सोशल डिस्टैंसिंग के लिए अलग-अलग बेडों के बीच अस्थायी पार्टीशन
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-छात्रावास में केवल उन्हीं विद्यार्थियों को रखें, जो ऑनलाइन नहीं पढ़ सकते.
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– उच्च कक्षाओं को दी जाये प्राथमिकता
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– स्वास्थ्य जांच के बाद दें प्रवेश
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– छात्रावास में स्टाफ के अलावा किसी अन्य को अनुमति नहीं
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– मेडिकल टीम मेस एवं किचेन का करें परीक्षण
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– छात्रावास में वाइ-फाइ कनेक्शन की व्यवस्था में सतर्कता
Posted by Ashish Jha