नये सिलेबस के लिए टीचरों को दी जायेगी ट्रेनिंग, बिहार सरकार बना रही पॉलिसी, एक माह में आयेगी रिपोर्ट

कक्षा 9 से 12 तक के शिक्षकों के सेवा कालीन प्रशिक्षण पॉलिसी तैयार करने की जिम्मेदारी छह सदस्यीय समिति को दी गयी है.

By Prabhat Khabar News Desk | December 2, 2020 8:18 AM

पटना . बिहार के शिक्षकों को हाल में पाठ्यक्रम में शामिल नये शिक्षण पाठों के प्रति समझ बढ़ाने और पुस्तकों के कठिन मुद्दों की स्पष्टता के लिए शिक्षा विभाग एक स्थायी नीति बना रही है. खासतौर पर इसके लिए वह सेवा कालीन व्यावहारिक प्रशिक्षण नीति बना रहा है. इसके लिए शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने दो उच्च स्तरीय समितियां बनायी हैं.

इन समितियों को एक माह के अंदर रिपोर्ट देनी है. कक्षा 9 से 12 तक के शिक्षकों के सेवा कालीन प्रशिक्षण पॉलिसी तैयार करने की जिम्मेदारी छह सदस्यीय समिति को दी गयी है.

इसके संयोजक सदस्य सीटीइ भागलपुर के प्राचार्य राकेश कुमार, आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय के डीन ज्ञानदेव मणि त्रिपाठी, दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय की सहायक प्राचार्य डॉ चंदन श्रीवास्तव, महात्मा गांधी केंद्रीय विद्यालय मोतिहारी के प्रो आशीष श्रीवास्तव एवं डीन प्रो कौशल किशोर एवं बांका के सहायक शिक्षा डॉ रमेश झा बतौर सदस्य शामिल किये किये हैं.

इसी तरह कक्षा एक से आठ तक के शिक्षकों के लिए भी समितियां बनायी जा रही हैं. इसके संयोजक सदस्य सीटीइ तुर्की मुजफ्फरपुर के प्रभारी प्राचार्य इम्तियाज अहमद एवं बतौर सदस्य डाइट के सेवानिवृत्त प्राचार्य विजय कुमार झा, एससीइआरटी के व्याख्याता तेज नारायण प्रसाद, सीटीइ के सेवानिवृत्त प्राचार्य सुभाष चंद्र झा, बड़हरा भोजपुर के शिक्षक मनोज त्रिपाठी एवं चंडी नालंदा के प्रधानाध्यापक कृत प्रसाद शामिल हैं.

उल्लेखनीय है कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए शिक्षकों को ट्रेंड करने के लिए सेवा कालीन प्रशिक्षण सेवा कालीन प्रशिक्षण अनिवार्य किया जायेगा. इसकी जिम्मेदारी प्रदेश के 66 प्रशिक्षण केंद्रों को दी जायेगी. इस पूरे मामले में शोध एवं प्रशिक्षण के निदेशक डॉ विनोदानंद झा ने जारी किये हैं. शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने कहा कि

शिक्षा होगी गुणवत्तापूर्ण बेहतर एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए जरूरी है कि ट्रेंड बदलावों से परिचित हों. पढ़ाने के दौरान की कठिनाइयों को दूर करने सेवा कालीन प्रशिक्षण जरूरी हो गया है. इसके लिए विभाग एक पॉलिसी बना रहा है. इसके लिए समितियां गठित की गयी हैं.

Posted by Ashish Jha

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