बिहार में स्कूलों की टाइमिंग में हुआ बदलाव, सीएम की हिदायत के बाद शिक्षा विभाग ने जारी किया नया टाइम टेबल
माध्यमिक शिक्षा निदेशक कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक पहली घंटी सुबह 10 बजे से 10.40 बजे तक चलेगी. आखिरी और आठवीं घंटी दोपहर 3.30 बजे से शाम 4 बजे तक होगी. बाकी स्थिति यथावत रहेगी.
बिहार के सरकारी स्कूलों में अब सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक कक्षाएं लगेंगी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को विधानसभा में इसकी घोषणा की. जिसके बाद शिक्षा विभाग ने मंगलवार देर शाम इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है. अधिसूचना जारी होते ही सरकार का यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है. नई समयावधि में पढ़ाई की कुल आठ घंटियां होंगी. इस आशय का आदेश माध्यमिक शिक्षा निदेशक कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव ने जारी किया है.
10 से चार चलेंगी कक्षाएं
माध्यमिक शिक्षा निदेशक कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक पहली घंटी सुबह 10 बजे से 10.40 बजे तक चलेगी. आखिरी और आठवीं घंटी दोपहर 3.30 बजे से शाम 4 बजे तक होगी. बाकी स्थिति यथावत रहेगी. माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने यह अधिसूचना तत्काल प्रभाव से सभी जिला पदाधिकारियों और विद्यालय पदाधिकारियों को भेज दी है. पहले के नोटिफिकेशन में पहली घंटी 9.30 बजे लगती थी. आठवीं घंटी साढ़े तीन बजे ख़त्म होती थी.
पहली घंटी | 10 बजे से 10.40 मिनट तक |
दूसरी घंटी | 10.40 बजे से 11.20 मिनट तक |
तीसरी घंटी | 11.20 से 12.10 बजे तक |
चौथी घंटी | 12.10 बजे से 12.50 बजे तक |
मध्यांतर | 12.50 से 01.30 बजे तक |
पांचवी घंटी | 01.30 बजे से 2.10 बजे तक |
छठी घंटी | 2.10 बजे से 2.50 बजे तक |
सातवीं घंटी | 2.50 बजे से 3.30 बजे तक |
आठवीं घंटी | अपराह्न 3.30 बजे से शाम 4 बजे तक |
मिशन दक्ष की कक्षाओं में बदलाव नहीं
शिक्षा विभाग ने सभी राजकीय प्राथमिक / माध्यमिक/ उच्च माध्यमिक स्कूलों के लिए केवल संशोधित टाइम टेबल ही जारी किया है. मंगलवार को जारी अधिसूचना में घंटियों की समयावधि के अलावा पहले से चली आ रही शेष स्कूली गतिविधियां को 28 नवंबर की अधिसूचना के तहत जारी रखने की बात कही है. घंटियों के अलावा शैक्षणिक गतिविधियों की टाइमिंग अभी तय होना बाकी है.
शिक्षक की छुट्टी कब होगी?
पिछले साल 28 नवंबर को शिक्षा विभाग ने स्कूलों की टाइमिंग को लेकर आदेश जारी किया था. उस आदेश के मुताबिक पीरियड खत्म होने के बाद मिशन दक्ष की कक्षाएं चलेंगी. इसके बाद आधा घंटा के बच्चों को छोड़ कर होम वर्क चेक किये जायेंगे. आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक यह गतिविधियां अभी भी जारी रहेंगी. हालांकि उनका समय एक बार फिर निर्धारित हो सकता है. इस तरह शिक्षक की स्कूल से छुट्टी कब होगी, इसकी टाइमिंग अभी साफ नहीं है.
पहली घंटी से आधा घंटा पहले पहुंचना होगा शिक्षकों को
उल्लेखनीय है कि 28 नवंबर को जारी की गयी अधिसूचना में कहा गया था कि पहली घंटी से पहले प्रार्थना / योगाभ्यास/ व्यायाम / ड्रिल की जायेगी. जाहिर है कि यह कवायद अभी भी दस बजे से पहले ही होगी. ऐसे में शिक्षकोंं को पहली घंटी से कम से कम आधा घंटा पहले ही पहुंचना होगा. दरअसल मंगलवार को जारी अधिसूचना में घंटी शुरू होने से पहले और आठवीं घंटी के बाद की गतिविधियों के बारे में कुछ नहीं लिखा गया है.
मुख्यमंत्री ने विधानसभा में की थी घोषणा
इसके पहले सदन में मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले ही ऐसा करने को कह दिया गया था. अब तक नहीं हो पाया है तो इस बारे में उन्हें जानकारी दी जानी चाहिए थी. विधानसभा में मुख्यमंत्री ने सदस्यों को बताया कि इसको लेकर वह तुरंत विभाग से बात कर लेते हैं. पहले जो दिये गये आदेश हैं, उसमें सुधार कराकर स्कूलों में पढ़ाई की अवधि सुबह 10 बजे से शाम चार बजे तक करा दी जायेगी.
मुख्यमंत्री ने शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक का नाम लिये बगैर कहा कि स्कूलों में पठन-पाठन का समय नौ बजे से शाम पांच बजे तक कर दिया था. इसको लेकर उन्होंने पहले ही कह दिया था कि ऐसा नहीं होना चाहिए. यह बात पहले कह दिया था और उसने इसे नहीं किया था तो उनको बुलाकर बात करेंगे. सदन के भीतर राजद की ओर इशारा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले तो आप लोग ही इसे देखते थे. जब वे बात नहीं माने तो पहले ही कहते कि आपका बात नहीं मान रहा है. उनको उसी समय कहते. मुख्यमंत्री ने सदन में ही ट्रेजरी बेंच पर बैठे शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी को कुछ निर्देश दिया.
मंगलवार को सदन की कार्यवाही आरंभ होते ही भाकपा माले के सत्यदेव राम ने सदन में इस मामले को लेकर कार्यस्थगन प्रस्ताव लाकर इस पर चर्चा कराने की मांग की. इसके समर्थन में महबूब आलम सहित विपक्ष के सदस्यों ने शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक द्वारा दिये गये पूर्व के आदेश को तुगलकी फरमान बताया. विपक्ष के सदस्यों की मांग थी कि शिक्षा विभाग के इस आदेश से स्कूलों में पठन-पाठन का काम अस्त-व्यस्त हो गया है. स्कूलों में पठन-पाठन का काम 10 बजे से चार बजे तक होनी चाहिए. इसके जवाब में मुख्यमंत्री ने सदस्यों को आश्वस्त किया कि उनके समय में भी स्कूलों में पढ़ाई 10 बजे से चार बजे तक होती थी. पूर्व की तरह अब भी 10 बजे से चार बजे तक ही पढ़ाई होगी.