स्कूलों में गर्मी की छुट्टियां खत्म, टाइमिंग को लेकर केके पाठक का फरमान, दो पालियों में होगा निरीक्षण
बिहार में 16 मई से सरकारी स्कूलों में सुबह छह बजे से कक्षाएं चलेंगी. इसको लेकर शिक्षा विभाग द्वारा आदेश जारी किया गया है. गर्मी को देखते हुए यह फैसला लिया गया है.
बिहार के सभी सरकारी प्रारंभिक व उच्च माध्यमिक विद्यालयों में चल रही गर्मी की छुट्टियां समाप्त हो गई. गुरुवार यानी 16 मई से सभी स्कूलों में कक्षाओं का संचालन शुरू हो जाएगा. इसे लेकर केके पाठक के विभाग ने बीते दिनों नया टाइम-टेबल भी जारी किया था. जिसके अनुसार 16 मई से 30 मई तक विद्यालय का शिक्षण कार्य सुबह 6:00 से 12:00 मध्याह्न तक किये जायेंगे. इससे संबंधित आदेश माध्यमिक शिक्षा निदेशक कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव द्वारा जारी किया गया. साथ ही आरडीडीई और डीईओ को पत्र भेज कर इसकी जानकारी दे दी गई है.
गर्मी की वजह से स्कूल टाइमिंग में बदलाव
गर्मी के कारण शिक्षा विभाग ने यह निर्णय लिया है. यह कदम यह सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है कि गर्मी का बच्चों के स्वास्थ्य पर कोई प्रतिकूल प्रभाव न पड़े. सभी प्राथमिक, मध्य, माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षण कार्य सुबह छह बजे से दोपहर 12 बजे तक निर्धारित किया गया है. इस अवधि में सुबह 10 बजे से 10:30 बजे तक बच्चों को मध्याह्न भोजन उपलब्ध कराया जायेगा. शिक्षक दोपहर 12 बजे तक शैक्षणिक गतिविधियां समाप्त कर लेंगे.
शिक्षक 1.30 बजे तक स्कूल में रहेंगे
इसके बाद स्कूल के कमजोर बच्चों को मिशन दक्ष द्वारा संचालित कक्षाओं में पढ़ाया जाएगा. इसके अलावा शिक्षक पेपरों की जांच करेंगे और उनका साप्ताहिक और मासिक मूल्यांकन करेंगे. ऐसे में स्कूल के सभी शिक्षक दोपहर 1.30 बजे स्कूल छोड़ देंगे. माध्यमिक शिक्षा निदेशक श्रीवास्तव ने जिला शिक्षा पदाधिकारियों को आदेश दिया है कि इस दौरान सभी स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति हर हाल में 90 फीसदी होनी चाहिए.
दो पालियों में निरीक्षण
इसके साथ ही स्कूलों में दो पालियों निरीक्षण भी किया जायेगा. प्रथम पाली में निरीक्षण सुबह 6:00 बजे से, तो दूसरी पाली का निरीक्षण 10:00 बजे किया जायेगा. विद्यालय जांच के लिए रोस्टर के अनुसार निरीक्षण पदाधिकारी को प्रतिनियुक्ति किया जायेगा. निरीक्षण के दौरान निरीक्षण पदाधिकारी प्रधानाध्यापक और सभी शिक्षकों के साथ ग्रुप फोटो लेकर वाट्सएप ग्रुप पर शेयर करेंगे.
एक निरीक्षण पदाधिकारी दो दिन अलग-अलग पालियों में करेंगे जांच
कैमूर के जिला शिक्षा पदाधिकारी सुमन कुमार शर्मा द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि विद्यालय निरीक्षण के पहले दिन प्रथम पाली में जिन विद्यालयों का निरीक्षण पदाधिकारी जांच करेंगे, वही निरीक्षण पदाधिकारी अगले दिन द्वितीय पाली में विद्यालय की जांच करेंगे. निरीक्षण पदाधिकारी की ओर से दो दिन विद्यालय जांच करने से यह स्पष्ट हो जायेगा कि पहले दिन किये गये हेड काउंट के दूसरे दिन विद्यालय में छात्र-छात्राओं की उपस्थिति दिन क्या है. वहीं जारी आदेश में कहा है कि सभी विद्यालय निरीक्षक विद्यालयों के शौचालय का दो-दो फोटो नोट कैम से लेंगे और इसे इ-शिक्षा कोष पोर्टल पर अपलोड करना सुनिश्चित करेंगे.
सभी बच्चों के हाथों में होंगी किताबें
जिला शिक्षा पदाधिकारी सुमन कुमार शर्मा ने आदेश में कहा है कि सरकारी विद्यालयों में पढ़ रहे बच्चों को वितरण की गयी नि:शुल्क पाठ्य पुस्तक की जांच की जायेगी. जांच के दौरान किसी भी परिस्थिति में पुस्तक विद्यालय में पड़ी नहीं रहनी चाहिए. साथ ही जारी आदेश में कहा है कि अगर पुस्तक छात्रों को वितरित हो गयी है, तो बगल के विद्यालय में भेजना सुनिश्चित करेंगे और विद्यालयों में आपूर्ति किये गये एफएलएन किट बांटना सुनिश्चित करेंगे. वहीं, जिन विद्यालयों में बेंच-डेस्क की आपूर्ति नहीं की गयी है, तो छात्र अनुपात में संबंधित पदाधिकारी आपूर्ति देना सुनिश्चित करेंगे. साथ ही आदेश में कहा है कि उच्च विद्यालय में प्रयोगशाला व आइसीटी लैब संचालित हो रही है या नहीं एवं सभी कंप्यूटर चालू है या नहीं, इसकी भी रिपोर्ट देना सुनिश्चित करेंगे.
शत प्रतिशत निरीक्षण नहीं होने पर होगी कार्रवाई
जिला शिक्षा पदाधिकारी ने आदेश में कहा है कि प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी शत प्रतिशत विद्यालय का निरीक्षण करना रोस्टर के अनुसार सुनिश्चित करेंगे. अगर, किसी भी परिस्थिति में शत प्रतिशत विद्यालय का निरीक्षण नहीं हुआ, तो प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी दोषी व जवाबदेह माने जायेंगे.
समग्र शिक्षा अभियान डीपीओ बने नोडल
कैमूर में स्थित सभी विद्यालयों की शत प्रतिशत जांच कराने के लिए समग्र शिक्षा अभियान के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी अमरेंद्र कुमार पांडेय को नोडल पदाधिकारी बनाया गया है. जांच के बाद सभी निरीक्षण पदाधिकारी नोडल पदाधिकारी को रिपोर्ट देंगे और रिपोर्ट पर नोडल पदाधिकारी कार्रवाई करना सुनिश्चित करेंगे. आदेश में कहा है कि प्राय: यह देखा जा रहा है कि अधिकांश निरीक्षक विद्यालय निरीक्षण के नाम पर केवल खानापूर्ति कर रहे हैं. यह अत्यंत खेदजनक विषय है.
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