BPSC में साइंस बैकग्राउंड के अभ्यर्थियों का वर्चस्व होगा कम, 68वीं मुख्य परीक्षा में किया गया बड़ा बदलाव
गणित और फिजिक्स या इंजीनियरिंग पेपर में अधिक पकड़ रखने वालों के लिए इन विषयों में 80-90% तक अंक लाना संभव होता है, जबकि इतिहास, समाजशास्त्र जैसे मानविकी विषय या हिंदी व अंग्रेजी साहित्य में 60-70% से अधिक अंक लाना मुश्किल होता था.
पटना: ऐच्छिक विषयों को महज क्वालिफाइंग करने से इंजीनियरिंग और साइंस बैकग्राउंड के अभ्यर्थियों का वर्चस्व कम हो जाने की संभावना है. अब तक इंजीनियरिंग पेपर, फिजिक्स व गणित जैसे विषयों से छात्रों के बड़ी संख्या में सफल होने की एक बड़ी वजह इन विषयों में अधिक नंबर आना रहा है.
पिछड़ रहे थे कला संकाय के छात्र
गणित और फिजिक्स या इंजीनियरिंग पेपर में अधिक पकड़ रखने वालों के लिए इन विषयों में 80-90% तक अंक लाना संभव होता है, जबकि इतिहास, समाजशास्त्र जैसे मानविकी विषय या हिंदी व अंग्रेजी साहित्य में 60-70% से अधिक अंक लाना मुश्किल होता था.
यही वजह है कि सामान्य अध्ययन में प्राय: अधिक अंक लाने के बावजूद ऐसे अभ्यर्थी इंजीनयरिंग या साइस बैकग्राउंड के अभ्यर्थियों से पिछड़ जाते थे. 65वीं और 66 वीं परीक्षा के टॉप-10 टॉपर्स में दाे-तीन को छोड़ सभी साइंस और इंजीनियरिंग बैकग्राउंड के थे.
68वीं परीक्षा कब होगी ?
बीपीएससी द्वारा जारी नोटिस के मुताबिक प्री परीक्षा का आयोजन 12 फरवरी 2023 के दिन किया जाएगा. इस रिक्रूटमेंट ड्राइव के माध्यम से कुल 358 पद भरे जाएंगे. सेलेक्ट होने पर कैंडिडेट्स की नियुक्ति असिस्टेंट डायरेक्टर, सप्लाई इंस्पेक्टर, रूरल डेवलपमेंट ऑफिसर आदि पद पर होगी.