मुजफ्फरपुर के आशुतोष शाही हत्याकांड की वैज्ञानिक तरीके से जांच शुरू, CID ने रीक्रिएट किया मर्डर सीन
मुजफ्फरपुर पहुंची सीआईडी की टीम ने आशुतोष शाही की हत्या का पूरा सीन फिर से रीक्रिएट कराया. इस दौरान जिस कमरे में आशुतोष शाही की हत्या की गयी थी, उस कमरे में जाकर भी सीआइडी टीम ने पूरे घटनाक्रम को डिजिटल विजुअलाइज्ड किया.
मुजफ्फरपुर के चर्चित प्रॉपर्टी डीलर आशुतोष शाही व उनके तीन गार्ड निजामुद्दीन, राहुल कुमार व ओमनाथ सिंह की हत्या की जांच के लिए मंगलवार को सीआइडी (अपराध अनुसंधान विभाग ) के डीआइजी दलजीत सिंह मुजफ्फरपुर पहुंचे. उनके साथ सीआइडी के एसपी मनीष व संजय कुमार सिंह भी आये थे. सीआइडी के सभी वरीय अधिकारियों ने एसएसपी कार्यालय में दो घंटे तक एसएसपी राकेश कुमार व सिटी एसपी अरविंद प्रताप सिंह के साथ बैठक कर जिला पुलिस की एसआइटी की छह अलग-अलग टीम की ओर से अब तक की गयी कार्रवाई की विस्तृत जानकारी ली. फिर, सीआइडी के डीआइजी के साथ जिला पुलिस के सभी पदाधिकारी लकड़ीढ़ाही रोड स्थित मारवाड़ी हाइ स्कूल के पास अधिवक्ता सैयद कासिम हुसैन उर्फ डाॅलर के आवास पर पहुंचे, जहां आशुतोष शाही की हत्या की गयी थी. दोपहर करीब पौने तीन बजे से शुरू हुआ अनुसंधान शाम पांच बजे खत्म हुआ.
चालक सहित तीन से सीआईडी ने की पूछताछ
सीआइडी के अधिकारियों ने इस दौरान आशुतोष शाही के चालक अशोक कुमार महतो व घटनास्थल पर मौजूद दोनों मो. बिलाल व जूनियर अधिवक्ता का बयान दर्ज किया. तीनों से बारी-बारी से सीआइडी के अधिकारियों ने पूछताछ की. इस दौरान जिस कमरे में आशुतोष शाही की हत्या की गयी थी, उस कमरे में जाकर भी सीआइडी टीम ने पूरे घटनाक्रम को डिजिटल विजुअलाइज्ड किया. छानबीन करने के बाद सीआइडी के अधिकारी शाम पांच बजे घटना स्थल से निकल गये.
पटना एफएसएल के डायरेक्टर फैरो थ्री डी मशीन के साथ पहुंचे, दो घंटे तक जुटाये साक्ष्य
पटना एफएसएल के डायरेक्टर के नेतृत्व में वैज्ञानिकों की टीम को घटनास्थल पर जांच के लिए बुलाया गया. पांच सदस्यीय एफएसएल के अधिकारियों ने फारो थ्री डी इमेज मीशन की मदद से पूरे क्राइम सीन को कैप्चर कर लिया. फिर घटनास्थल की लंबाई-चौड़ाई, दूरी और पूरे क्राइम सीन का डिजिटल इमेज तैयार किया. एफएसएल के वैज्ञानिकों ने कमरे से और भी साक्ष्य इकट्ठा किये हैं.
चालक से डीआइजी व दोनों एसपी ने एक घंटे तक की पूछताछ
आशुतोष शाही के चालक अशोक कुमार महतो से सीआइडी के डीआइजी दलजीत सिंह, एसपी मनीष व संजय कुमार सिंह ने एक घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की. बताया जाता है कि जिस दिन हत्या हुई, उस दिन सुबह से लेकर घटना तक आशुतोष शाही का किससे-किससे मिलना हुआ. कैसे ओ अधिवक्ता के घर पर पहुंचे. कैसे अपराधी आये और गोलीबारी की. इन सभी बिंदु पर भी पूछताछ की है.
नगर पुलिस आज सीआइडी को सौंप सकती है केस का चार्ज
सीआइडी के डीआइजी व एसपी के मुजफ्फरपुर पहुंच कर छानबीन करने के बाद अब सीआइडी के अधिकारी जल्द ही केस का चार्ज ले सकते हैं. फिलहाल केस के आइओ इंस्पेक्टर श्री राम सिंह ही है. वे केस डायरी समेत अन्य कागजात को फाइनल करने में लगे हैं. अनुमान है कि सीआइडी बुधवार को केस का चार्ज ले सकती है. इसके बाद नगर पुलिस पूरी तरह से इस केस के अनुसंधान से अलग हो जायेगी. हालांकि, सीआइडी को जांच में पूरी तरह से सहयोग करेगी.
क्या बोले एसएसपी
एसएसपी राकेश कुमार ने बताया कि आशुतोष शाही हत्याकांड की जांच सीआइडी ने शुरू कर दी है. टीम ने घटनास्थल का मुआयना किया है. डीआइजी समेत सीआइडी के वरीय पदाधिकारियों ने मौके पर छानबीन की. कांड से संबंधित सभी पहलुओं पर जांच कर रहे हैं.
रीक्रिएट किया गया क्राइम सीन
दो बाइक सवार चार अपराधी सैयद कासिम हुसैन के घर के बाहर अपनी बाइक खड़ी करते हैं. कैंपस में खड़े आशुतोष शाही के तीनों बॉडीगार्ड को संभलने का मौका भी नहीं देते हैं. अपराधी तीनों बॉडीगार्ड पर गोलीबारी कर उनको जख्मी कर देते हैं. फिर, कमरे में घुसकर आशुतोष शाही पर ताबड़तोड़ गोलियों की बौछार करके उनको मौत के घाट उतार देते हैं. यह पूरा सीन मंगलवार को एक बार फिर से रीक्रिएट किया गया. सीआइडी के डीआइजी दलजीत सिंह, एसएसपी राकेश कुमार समेत सीआइडी व जिला पुलिस के सभी वरीय पदाधिकारियों की मौजूदगी में इस हत्याकांड का पूरा सीन री-क्रिएट कराया गया.
चालक जैसे जैसे बता रहे थे घटनाक्रम, वैसे-वैसे तैयार किया जा रहा था सीन
प्रत्यक्षदर्शी आशुतोष शाही के चालक अशोक कुमार महतो जैसे- जैसे घटनाक्रम को लाइव बता रहा था, वैसे- वैसे सीन तैयार किया जा रहा था. चार पुलिस कर्मियों को हेलमेट पहना कर शूटर का रूप दिया गया. वहीं, तीन पुलिसकर्मियों को आशुतोष शाही के बॉडीगार्ड निजामुद्दीन, राहुल कुमार और ओमनाथ उर्फ ओम प्रकाश सिंह का लुक दिया हुआ था. वहीं, आशुतोष शाही के डमी तैयार करने के लिए पुतला को लाया गया था. एफएसएल पटना के डायरेक्टर सीन री क्रिएट को विजुअलाइज कर रहे थे. इसके अलावा पटना एफएसएल के वैज्ञानिक अलग- अलग बिंदु पर साक्ष्य इकट्ठा कर रहे थे.
मारवाड़ी हाइस्कूल के गेट के पास खड़ी थी स्कॉर्पियो
चालक अशोक कुमार महतो ने बताया कि मारवाड़ी हाइ स्कूल के गेट के समीप उन्होंने अपनी स्कॉर्पियो खड़ी की थी. इस बीच चंदवारा की ओर से दो बाइक सवार हेलमेट पहने चार अपराधी गाड़ी से नीचे उतरते हैं. सैयद कासिम हुसैन उर्फ डॉलर के कैंपस का ग्रिल खुला हुआ था. अपराधी बाइक से उतरते हैं, दो गार्ड को गोली मारकर नीचे गिरा देता है. एक गार्ड कैंपस में भागना चाहता है उसको खदेड़ कर कार के पास गोली मारता है. फिर, दो अपराधी कमरे के अंदर घुसकर आशुतोष शाही पर गोलीबारी कर देते थे. इस पूरे सीन री क्रिएशन का एफएसएल के एक वैज्ञानिक स्केच भी तैयार कर रहा था.
झाड़ी में खोखे की खोजबीन
डीआइजी को जब सीन री क्रिएशन के दौरान जानकारी मिली कि एक बॉडीगार्ड को खदेड़ कर कार के पास में अपराधियों ने गोली मारी तो वे खुद कार के पास पहुंचे कैसे गार्ड जान बचाने के लिए भागा, उसके पीछे कैसे अपराधी आया और फिर उसको गोली मारी इसको चालक अशोक महतो के बयान पर विजुअलाइज किया. डीआइजी को लगा कि वहां कुछ खोखा होगा. उनके कहने पर जवानों ने झाड़ी में खोखा की खोजबीन की. लेकिन, कुछ नहीं मिला.
प्लास्टिक के डब्बे में एफएसएल ने नहीं लिया साक्ष्य, वापस लौटाया
कोर्ट के आदेश पर नगर थाने की पुलिस घटनास्थल से जब्त सभी साक्ष्य को प्लास्टिक के डब्बे में सील बंद करके गन्नीपुर स्थित एफएसएल में जांच के लिए भेजा. लेकिन, वहां वैज्ञानिक ने साक्ष्य नहीं लिया. पुलिस को कहा की लकड़ी के काठ का पेटी में डालकर साक्ष्य को लाये. अब नगर थाने की पुलिस बुधवार को साक्ष्य एफएसएल में जमा कराएगी.
पटना एफएसएल के डायरेक्टर पहुंचे नगर थाने, मांगा फोटो व वीडियो
घटनास्थल पर सीन री क्रिएट करने के बाद पटना एफएसएल की टीम सीधे नगर थाने पहुंची. एफएसएल के डायरेक्टर ने नगर थाने की पुलिस से जिस रात घटना हुई उस समय की फोटो व वीडियो पुलिस से मांगी है. नगर थाने की पुलिस ने जिस कमरे मे आशुतोष शाही गोली लगने के बाद मृत पड़े थे उसमें का फोटो पीडीएफ फॉर्मेट में दिया है. इसके अलावा वीडियो भी उपलब्ध कराया है.
जानकारी देने वाला दंपत्ति नहीं आया सामने
जिस रात घटना हुई उस समय पूरे घटना की लाइव देखने का दावा करने वाले स्थानी पति- पत्नी मंगलवार को सीआइडी के सामने नहीं आया. नगर डीएसपी ने उसके झोपड़ी के गेट को भी खटखटाया लेकिन वह सामने नहीं आया. सीआइडी आगे की जांच में उसका बयान दर्ज कर सकती है.
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एफएसएल ने फिते से मापी मेन गेट की लंबाई और चौड़ाई
एफएसएल ने अधिवक्ता के जिस कमरे में गोली लगी, कैंपस और मेन गेट की पूरी लंबाई और चौड़ाई को फीता से मापा. इसको पेज पर पूरा डिटेल लिखा गया. साथ ही एफएसएल के वैज्ञानिक इसका डायग्राम भी बनाया है. आगे अनुसंधान में इससे मदद मिलेगी.
स्थानीय लोगों की जुटी भीड़, पल- पल की ले रहे थे जानकारी
सीआइडी व जिला पुलिस की टीम जब करीब एक दर्जन गाड़ियों के साथ लकड़ीढ़ाही स्थित माड़वाड़ी हाइस्कूल के समीप पहुंची तो लोगों को लगा कहीं फिर से तो कोई बड़ी घटना नहीं हो गयी. लेकिन, अधिकारी जब अपनी- अपनी गाड़ी से उतर कर सैयद कासिम हुसैन उर्फ डॉलर के आवास पर पहुंचे तब उनको जानकारी हुई कि पुलिस टीम आशुतोष शाही हत्याकांड की जांच करने पहुंची है. दो घंटे से अधिक समय तक चली छानबीन के दौरान काफी संख्या में स्थानीय लोगों की भीड़ जुटी रही.
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एसकेएमसीएच से भेजी गयी आशुतोष शाही की पोस्टमार्टम रिपोर्ट
एसकेएमसीएच के एफएमटी विभाग से आशुतोष शाही की पोस्टमार्टम रिपोर्ट नगर थाने की पुलिस को भेज दी गयी है. मंगलवार को पुलिस ने सील बंद पोस्टमार्टम रिपोर्ट रिसीव किया है. उसको बुधवार को पुलिस कोर्ट में प्रस्तुत करेगी. आशुतोष शाही के बॉडी से निकाले गए दो पिलेट भी लिफाफा में भेजे होने की जानकारी दी गयी है. पुलिस अब उसको कोर्ट में प्रस्तुत करेगी. वहां से आदेश आने पर पिलेट को भी जांच को भेजा जाएगा.
मंटू शर्मा व गोविंद पर जिले में दर्ज सभी कांडों की फाइल खंगाल रही सीआइडी
आशुतोष शाही हत्याकांड के मुख्य आरोपी मंटू शर्मा व गोविंद पर सीआइडी अब शिकंजा कसेगी. सीआइडी के डीआइजी दलजीत सिंह के मुजफ्फरपुर पहुंचने के बाद जांच में तेजी आने की संभावना है. चर्चा है सीआइडी के अधिकारी मंटू शर्मा, गोविंद व रणजंय उर्फ ओंकार के खिलाफ जिले के सभी थानों में दर्ज आपराधिक मामलों की जानकारी जुटा रही है.