17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

बिहार में खोले जाएंगे स्क्रैप सेंटर, पुरानी गाड़ियां होंगी नष्ट, जानें खोलने के लिए क्या है गाइडलाइन

बिहार में अब पुरानी और दुर्घटनाग्रस्त गाड़ियों को नष्ट करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. इसके लिए परिवहन विभाग ने सबसे अधिक पटना में पांच स्क्रैप सेंटर खोलने की अनुमति दी है. बाकी 12 जिले में एक-एक आवेदकों ने कबाड़ केंद्र खोलने के लिए आवेदन दिया गया था. जिसकी मंजूरी मिल गयी है.

पटना. राज्य भर में पुरानी या दुर्घटना ग्रस्त गाड़ियों को कबाड़ में नष्ट करने की प्रक्रिया शुरू हो गयी है. इसको लेकर परिवहन विभाग ने गाड़ियों को नष्ट करने के लिए स्क्रैप सेंटर खोलने की अनुमति देना शुरू कर दिया है. कुल 15 जिले में 20 स्क्रैप सेंटर खोलने की अनुमति विभाग ने दे दी गयी है.

पटना में खुलेंगे सबसे अधिक सेंटर

विभाग ने सबसे अधिक पटना में पांच स्क्रैप सेंटर खोलने की अनुमति दी है. जबकि वैशाली में तीन आवेदकों ने स्क्रैप सेंटर खोलने की अनुमति ली है. वहीं बाकी 12 जिले में एक-एक आवेदकों ने कबाड़ केंद्र खोलने के लिए आवेदन दिया गया था. जिसकी मंजूरी मिल गयी है. इसमें समस्तीपुर, सीवान, भागलपुर, दरभंगा, नालंदा, लखीसराय, पूर्णिया, बांका, गोपालगंज, कटिहार, मधुबनी, सहरसा, मधेपुरा शामिल है.

यह है गाइडलाइन

गाइडलाइन के मुताबिक कोई भी व्यक्तिगत तौर पर या फर्म, सोसाइटी या ट्रस्ट के जरिये वाहन कबाड़ सेंटर खोल सकता है. इसके लिए केंद्रीय प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड से इजाजत लेनी होगी. बोर्ड की टीम सेंटर का दौरा करेगी और मानक पूरे होने पर अधिकृत लाइसेंस जारी करेगी. केंद्र खोलने के लिए स्थायी खाता संख्या और जीएसटी निबंधन रजिस्ट्रेशन अनिवार्य किया गया है. केंद्र के यार्ड में सीसीटीवी कैमरा लगाना होगा.

तीन माह तक रखना होगा डेटा

नष्ट किये जाने वाले वाहनों का रिकार्ड तीन माह तक रखना होगा. इसके बाद इस डेटा को सरकार को देना होगा. सरकार की ओर से अधिकतम 10 साल के लिए सेंटर का लाइसेंस जारी किया जायेगा. जिसके बाद इसे नवीकरण कराना होगा. छोटे वाहनों का वाहन कबाड़ सेंटर खोलने के लिए न्यूनतम 4000 वर्गफीट जबकि बड़े वाहनों के लिए 8000 वर्गफीट जगह होनी चाहिए. कबाड़ केंद्र खोलने वालों से एक लाख निबंधन शुल्क तो 10 लाख की बैंक गारंटी भी ली जायेगी. जो गाड़ियां सड़क पर चलने के लायक नहीं है तो उसे कबाड़ केंद्रों में नष्ट करवाया जा सकता है. वैसे इन कबाड़ केंद्रों पर कोई भी जाकर गाड़ी को नष्ट न करवा ले, इसके लिए पुख्ता इंतजाम किये जायेंगे. वैसी तमाम गाड़ियां कबाड़ में नष्ट की जा सकेगी जिसे खुद वाहन मालिक नष्ट करवाना चाहता हो. गाड़ियों को तब तक नष्ट नहीं किया जायेगा. जब तक उसका ईंधन, तेल, एंटीफ्रीज व अन्य गैस, तरल पदार्थों आदि को निकाल न लिया जाये.जितनी मूल्य की गाड़ियां नष्ट होगी, उसी श्रेणी की गाड़ी खरीदने पर सरकार की ओर से टैक्स में छूट का लाभ मिलेगा.

Also Read: बिहार में सोन, किऊल, फाल्गू, चानन व मोरहर नदी का बालू होगा महंगा, जानें अब कितना हो गया रेट
जांच के बाद होगा स्क्रैपिंग

विभागीय योजना के अनुसार निबंधित कबाड़ केंद्रों पर गाड़ियों की स्क्रैपिंग कराने से पहले इसकी जांच की जायेगी वास्तव में गाड़ी का मालिक सही है या नहीं. इसके लिए ऑनर बुक, आधार कार्ड से लेकर परिवहन विभाग के अधिकारियों से भी मदद ली जायेगी. रिकार्ड की जांच राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के साथ ही स्थानीय पुलिस की ओर से चोरी होने वाले वाहनों की रिकाॅर्ड से भी मिलान किया जायेगा. जिन गाड़ियों को कबाड़ केंद्रों में नष्ट किया जायेगा, उसका रिकॉर्ड कम से कम छह महीने तक सुरक्षित रखा जायेगा.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें