मुजफ्फरपुर. कांटी के बीरपुर निवासी रवींद्र प्रसाद शाही को पैक्स में बेची गयी धान की राशि नहीं मिल पायी है. इसके लिए वे सहकारिता विभाग के कार्यालयों का चक्कर काट रहे हैं. कुछ इसी तरह की समस्या मणी फूलकाहां निवासी प्रमोद पांडेय की भी है.
इन लोगों का कहना है कि रजिस्ट्रेशन नहीं होने की बात कहते हुए धान को लौटाया जा रहा है. वे डीएम के जनता दरबार तक गुहार लगा चुके हैं. जबकि, सहकारिता विभाग के अधिकारियों का कहना है कि विभाग के पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन नहीं होने से इस तरह की समस्या आ रही है. इसलिए धान को वापस किया जा रहा है.
रवींद्र प्रसाद शाही ने आरोप लगाते हुए बताया कि उनके साथ बड़ा धोखा हुआ है. पैक्स ने खरीदने के नाम पर उनसे धान ले लिया. लेकिन, राशि का भुगतान नहीं किया गया. उन्होंने बताया कि 29 जनवरी को बीरपुर पैक्स में करीब 38 क्विंटल 15 किलो धान बेचा था. इसके बाद उनके खाता में रुपये भेजने की बात कही गयी थी. लेकिन, कई दिनों तक राशि खाता पर नहीं आने के बाद उन्होंने पैक्स से संपर्क किया.
इस पर पैक्स अध्यक्ष ने कहा कि उनका रजिस्ट्रेशन नहीं है. इसलिए धान वापस ले जाइये. बताया कि सरकार ने अलग से निबंधन कराने के मापदंड को समाप्त कर दिया था. जिनका कृषि विभाग के पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन है उसे अलग से नहीं कराना था. लेकिन, विभाग के अधिकारी इसे मानने को तैयार नहीं है.
कार्यालयों का चक्कर काट रहे है. जिला सहकारिता पदाधिकारी डॉ. ललन कुमार शर्मा ने बताया कि रवींद्र प्रसाद शाही व प्रमोद पांडेय की शिकायत मिली है. लेकिन, विभाग के पोर्टल पर रवींद्र प्रसाद शाही का रजिस्ट्रेशन ही नहीं है. जबकि, प्रमोद पांडेय का रजिस्ट्रेशन अधूरा है. जिसके कारण उनसे धान नहीं खरीदा गया है. अगर उनके पास रजिस्ट्रेशन है तो बताये. दोषियों पर कार्रवाई होगी.
किसान रवींद्र प्रसाद शाही का आरोप है कि किसान को धान खरीद में गड़बड़ी हुई है. अगर रजिस्ट्रेशन कराने पर ही धान बेचने की अनुमति थी, तो पैक्स ने पहले कैसे धान खरीद ली. उन्होंने बीसीओ को खरीद की रसीद भी दी थी. बिचौलिया के माध्यम से बीसीओ 17 सौ रुपये प्रति क्विंटल मूल्य पर धान बेचने का संदेश भेज रहे हैं.
Posted by Ashish Jha