बिहार की सड़कों पर अब ज्यादा दिनों तक 15 से 20 साल पुरानी गाड़ियां नहीं दिखेंगी. परिवहन विभाग ने राज्य के 25 जिलों में स्क्रैप सेंटर खोलने के लिए 19 मई तक ऑनलाइन आवेदन मांगा था, लेकिन परिवहन विभाग ने दोबारा तिथि को बढ़ाते हुए गुरुवार को अधिसूचना जारी की है. जिसके बाद अब आवेदक 11 जुलाई तक आवेदन के लिए प्रक्रिया कर सकते हैं.
स्क्रैप सेंटर शुरू होने के बाद बिहार की सड़कों से लगभग डेढ़ लाख से अधिक गाड़ियां बाहर हो जायेंगी. परिवहन विभाग के मुताबिक 15 से 20 साल पुरानी गाड़ियां स्रक्रैप पॉलिसी में आयेगी. नियमानुसार व्यवसायिक 15 साल पुरानी और निजी 20 साल पुरानी गाड़ियां स्क्रैप में जायेगी. जानकारी के मुताबिक व्यावसायिक वाहनों में ट्रक एवं बस, ऑटो, ट्रैक्टर जैसे वाहनों की संख्या 40 हजार से अधिक है.
स्क्रैप पॉलिसी में स्पष्ट किया गया है कि पुरानी गाड़ियों की प्रदूषण जांच ऑटोमैटिक फिटनेस सेंटर पर होगा. इस योजना के तहत परिवहन विभाग ने राज्य भर में ऑटोमैटिक फिटनेस सेंटर खोलने के लिए 13 जुलाई तक आवेदन मांगा है.
विभागीय योजना के अनुसार निबंधित कबाड़ केंद्रों पर गाड़ियों की स्क्रैपिंग कराने से पहले इसकी जांच की जायेगी वास्तव में गाड़ी का मालिक सही है या नहीं. इसके लिए ऑनर बुक, आधार कार्ड से लेकर परिवहन विभाग के अधिकारियों से भी मदद ली जायेगी. रिकार्ड की जांच राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के साथ ही स्थानीय पुलिस की ओर से चोरी होने वाले वाहनों की रिकाॅर्ड से भी मिलान किया जायेगा. जिन गाड़ियों को कबाड़ केंद्रों में नष्ट किया जायेगा, उसका रिकॉर्ड कम से कम छह महीने तक सुरक्षित रखा जायेगा.
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