प्रदर्शन कर रही आशा कार्यकर्ताओं से SDM ने की धक्का मुक्की, बदसलूकी का वीडियो हुआ वायरल

सोमवार को डेहरी पीएचसी में गुस्से के कारण आपे से बाहर हो चुके एसडीएम साहब ये भी भूल गये कि वे जिनके साथ धक्का मुक्की कर रहे हैं वे महिलाएं हैं. आरोप है कि एसडीएम ने प्रदर्शन कर रही संघ की जिलाध्यक्ष से जबरन माइक छीन लिया और बिना महिला पुलिस कर्मियों के महिलाओं के साथ जबरन धक्का-मुक्की की.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 17, 2023 9:12 PM

सासाराम. रोहतास में अपनी मांगों के समर्थन में अनिश्तिकालीन हड़ताल पर बैठी आशा कार्यकर्ताओं के साथ धक्का मुक्की की गयी है. डेहरी के एसडीएम पर आशा कार्यकर्ताओं के साथ धक्का मुक्की करते का आरोप है. सोमवार को डेहरी पीएचसी में गुस्से के कारण आपे से बाहर हो चुके एसडीएम साहब ये भी भूल गये कि वे जिनके साथ धक्का मुक्की कर रहे हैं वे महिलाएं हैं. आरोप है कि एसडीएम ने प्रदर्शन कर रही संघ की जिलाध्यक्ष से जबरन माइक छीन लिया और बिना महिला पुलिस कर्मियों के महिलाओं के साथ जबरन धक्का-मुक्की की. डेहरी एसडीएम अनिल कुमार सिन्हा ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि आशा से किसी तरह की धक्का-मुक्की नहीं की गई है. आशा कार्यकर्ताओं में रोष है. वो गुस्से में हैं. इधर प्रशासन पूरे मामले को शांत करने में जुटा हुआ है.

टीकाकरण समेत अन्य काम ठप

घटना के संबंध में बताया जाता है कि अपनी 9 सूत्री मांगों के समर्थन में अनिश्तिकालीन हड़ताल पर बैठी आशा कार्यकर्ताओं ने जमकर हंगामा किया. आशा कार्यकर्ताओं के हंगामे के कारण पीएचसी में अफरा तफरी का माहौल हो गया और टीकाकरण समेत अन्य काम ठप पड़ गए. हंगामे की जानकारी मिलते ही डेहरी एसडीएम अनिल कुमार हालात को काबू में करने के लिए मौके पर पहुंचे थे. पहले तो एसडीएम ने आशा कार्यकर्ताओं को समझाने की कोशिश की, लेकिन जब उन्होंने हंगामा बंद नहीं किया, तो वे आपे से बाहर हो गये और आशा कार्यकर्ताओं के साथ धक्का मुक्की शुरू कर दी. इस दौरान वे आशा का हाथ पकड़कर उन्हें जबरन वहां से खींचकर हटाने की कोशिश करने लगे. इसी दौरान वहां मौजूद किसी शख्स ने पूरे घटनाक्रम का वीडियो बना लिया और उसे सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया, जो अब तेजी से वायरल हो रहा है. हालांकि वायरल वीडियो के सत्यता की पुष्टि नहीं हो पायी है.

जेल भिजवाने की धमकी तक दे डाली

इस मामले को लेकर आशा संघ ने नाराजगी जतायी है और कहा है कि आशा पिछले कई दिनों से हड़ताल पर हैं लेकिन उनकी बात कोई नहीं सुन रहा है. सरकार तक अपनी आवाज पहुंचाने के लिए जब वे शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन कर रही थीं तो उनके साथ बदसलूकी की गई. आशा संघ की जिलाध्यक्ष विद्यावती पांडे ने बताया कि 9 सूत्री मांगों को लेकर पिछले कई दिनों से वह लोग हड़ताल पर हैं. ऐसे में प्रशासन का कोई भी नुमाइंदा उन तक हाल तक जानने नहीं पहुंचा. हम सभी शांति से प्रदर्शन कर रहे थे. उन्होंने कहा कि किसी भी महिला पुलिस कर्मी को नहीं बुलाया गया. हम लोगों के साथ अधिकारी के द्वारा दुर्व्यवहार किया गया. धक्का-मुक्की की गई. इसी दौरान डेहरी के एसडीएम अनिल कुमार सिन्हा पहुंचे और उन्होंने जबरन माइक छीन ली और धक्का मुक्की करने लगे. वहीं आशा फैसिलिटेटर कुसुम कुमारी ने बताया कि डेहरी प्रखंड क्षेत्र की सभी आशा फैसिलिटेटर आशा कार्यकर्ता शांतिपूर्वक धरने पर बैठी थीं. तभी एसडीएम पहुंचे और हटने को कहा. इस पर जब आशा कार्यकर्ता राजी नहीं हुई तो उन्होंने जेल भिजवाने की धमकी तक दे डाली.

एसडीएम के खिलाफ कार्रवाई की मांग

हंगामे के बाद सीओ अनामिका कुमारी मौके पर पहुंची. आशा कार्यकर्ताओं को समझाने बुझाने की कोशिश की गई, लेकिन आशा कार्यकर्ता सीओ की बात सुनने को तैयार नहीं थीं. आशा कार्यकर्ता एसडीएम के खिलाफ कार्रवाई की मांग पर अड़ी हैं. इस दौरान पूरे पीएचसी परिसर में महिला पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है. वहीं पूरे मामले पर डेहरी के एसडीएम अनिल कुमार सिन्हा ने बताया कि आशा कार्यकर्ताओं के द्वारा पीएचसी सहित अनुमंडलीय अस्पताल को बाधित करने की सूचना मिली थी. इस दौरान महिला पुलिस कर्मियों के साथ वहां जाकर उन्हें समझाया बुझाया गया. इस दौरान किसी भी तरह की धक्का-मुक्की नहीं की गई. उन्होंने आशा कार्यकर्ताओं के द्वारा लगाए गए आरोपों को पूरी तरह से खारिज किया. हड़ताल के दूसरे दिन आशा कार्यकर्ताओं ने पीएचसी व अनुमंडलीय परिसर का मुख्य गेट बंद कर दिया था. दो एंबुलेंस को भी घंटो रोक दिया था जिस कारण मरीज के परिजन और आशा कार्यकर्ताओं के बीच तीखी नोकझोंक हुई थी. वही मरीजों को भी इलाज कराने से रोक दिया गया था.

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