गुरुजी के ज्ञान से SDO का दिमाग चकराया, मैं विद्यालय जाता हूं का ट्रासलेशन नहीं कर पाए हेडमास्टर
Bihar-Motihari News :बिहार में शिक्षा का स्तर क्या है यह किसी से छुपा नहीं है. गुरुजी केवल खाना-पूर्ती के अलावा और कुछ नहीं कर रहे हैं.ताजा मामला मोतिहारी का है. सरकारी स्कूल के हेडमास्टर के ज्ञान से SDO का दिमाग चकरा गया .'मैं विद्यालय जाता हूं' का ट्रांसलेशन भी नहीं कर पाए.
पूर्वी चम्पारण. बिहार में शिक्षा का स्तर क्या है यह किसी से छुपा नहीं है. गुरुजी केवल खाना-पूर्ति के अलावा और कुछ नहीं कर रहे हैं.ताजा मामला मोतिहारी का है. सरकारी स्कूल के हेडमास्टर के ज्ञान से SDO का दिमाग चकरा गया .’मैं विद्यालय जाता हूं’ का ट्रांसलेशन भी नहीं कर पाए. यही नहीं जब निरीक्षण करने पहुंचे SDO ने एक टीचर मौसम और जलवायु में अंतर पूछा तो बगले झांकने लगे. मामला जिले के पकड़ीदयाल का है. शिक्षा व्यवस्था का पोल खोलते मामले का वीडियो भी सामने आया है.
एसडीओ कुमार कुछ स्कूलों की जांच करने पहुंचे थे
एसडीओ (SDO) कुमार रविंद्र कुछ स्कूलों की जांच करने पहुंचे थे. इसी दौरान चैता पंचायत के उत्क्रमित मध्य विद्यालय में SDO एक क्लास रूम में गए और शिक्षक की बात सुनने लगे. इस दौरान वहां छात्रों को पढ़ा रहे सहायक शिक्षक मुकुल कुमार पर्यावरण के बारे में सही जानकारी नहीं दे रहे थे. इसी पर उन्होंने उन्होंने टीचर से मौसम और जलवायु में अंतर पूछा, जिसका उत्तर वो नहीं बता पाए. SDO ने फटकार लगाते हुए खुद ही शिक्षक सहित छात्रों को विस्तार से मौसम और जलवायु के बारे में पढ़ाया. इस बीच SDO कुमार रविंद्र ने प्रधानाध्यापक विश्वनाथ राम से पूछा कि आप किस विषय के शिक्षक हैं.
एसडीओ ने कहा- छात्रों को पढ़ाने से पहले खुद भी पढ़ना चाहिए
उन्होंने बताया कि मैं अंग्रेजी और संस्कृत पढ़ाता हूं. इसके बाद SDO ने ये सवाल किया कि ‘मैं विद्यालय जाता हूं’ का आप अंग्रेजी और संस्कृत अनुवाद बता दीजिए. प्रिंसिपल जवाब नहीं दे पाए तो वे खुद ही उन्हें पढ़ाने लगे. उन्होंने उनकी जमकर क्लास लगाते कोचिंग करने की सलाह दी. विद्यालय के निरीक्षण के बाद SDO कुमार रविंद्र ने कहा कि छात्रों को पढ़ाने से पहले शिक्षकों को पढ़ने की जरूरत है. साथ ही विभाग को समय-समय पर शिक्षकों को ट्रेनिंग देने की भी जरूरत है.