बिहार के डीजीपी एसके सिंघल को फर्जी चीफ जस्टिस बनकर कॉल कराने के मामले में फंसे गया के पूर्व एसएसपी आदित्य कुमार फरार हैं. उनकी तलाश पूरी नहीं हो सकी है. आर्थिक अपराध इकाई की अलग-अलग टीम पटना से लेकर यूपी के शहरों में तलाश कर रही है. आइपीएस पर एफआइआर दर्ज है. आइपीएस अधिकारी की मुश्किलें अब बढ़ सकती है.
आइपीएस अधिकारी आदित्य कुमार फरार हैं. इओयू ने खगौल के सगुना मोड़ स्थित फ्लैट से लेकर यूपी के उनके पैतृक शहर में टीम भेजी है. आरोपित अधिकारी का मोबाइल लोकेशन भी स्पष्ट नहीं मिल रहा है. जिस कारण से परेशानी हो रही है. पुलिस सूत्रों के मुताबिक आइपीएस आदित्य कुमार के पुराने मामलों की फाइल भी खंगाली जा रही है. वहीं इन मामलों में आदित्य कुमार के साथ रहे कई दागी पुलिसकर्मियों पर भी गाज गिर सकती है.
गया जिले के फतेहपुर थाना के दारोगा संजय कुमार निलंबित किये गये हैं .अब उनकी गिरफ्तारी भी हो सकती है. आदित्य कुमार की गया में एसएसपी के तौर पर पोस्टिंग के दौरान संजय के साथ उनके अच्छे संबंध थे.
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इओयू ने फर्जी कॉल मामले में अभियुक्तों के पास से बरामद नौ मोबाइल फोन को एफएसएल जांच के लिए भेज दिया गया है. बता दें कि इन मोबाइल में लगे सिमकार्ड से ही डीजीपी को कॉल किया जाता था.
वहीं जांच के दौरान ये खुलासा हुआ है कि जालसाज अभिषेक अग्रवाल के पास से जब्त निजी मोबाइल फोन से भी आइपीएस आदित्य कुमार और जालसाज अभिषेक के बीच वाट्सएप चैट हुआ है. जिसे रिकवर करने की कोशिश की जा रही है.
बता दें कि गया के पूर्व एसएसपी आदित्य कुमार शराब मामले की जांच में फंसे और उनपर विभागिय कार्यवाही चल रही थी. अपने ऊपर से केस हटवाने के लिए आइपीएस ने एक ठग दोस्त का सहारा लिया था और फर्जी जज बनाकर डीजीपी को कॉल कराया. इस मामले का पर्दाफाश हो गया.
Posted By: Thakur Shaktilochan