पटना. बिहार में जाति आधारित गणना को लेकर तस्वीर साफ हो गयी है. अगले साल एक अप्रैल से बिहार में आधारित गणना का दूसरा चरण शुरू होगा. इसको लेकर सभी तरह की तैयारियां शुरू कर दी गयी हैं. बिहार में फिलहाल 204 जातियों की सूची है. इससे इतर कोई जाति का होने का प्रमाणपत्र प्रस्तुत करने पर उसकी भी गणना होगी. इसका सर्वे सीओ कार्यालय से होगा. हालंकि, जाति आधारित गणना में उपजाति का कोई प्रावधान नहीं है.
बिहार सरकार की तरफ से पहले चरण की तिथि की घोषणा के साथ ही अब दूसरे चरण के लिए भी तारीख निर्धारित कर दी गयी. दूसरा चरण एक अप्रैल से 30 अप्रैल तक होगा. इस चरण में अपने काम के सिलसिले में राज्य से बाहर रहने वाले यानी प्रवासी बिहारी की गणना होगी. उनकी सूची में उनके राज्य या देश का नाम दर्ज होगा.
पहले चरण में सात से 21 जनवरी के बीच मकान की नंबरिंग के साथ घर के मुखिया व सदस्यों का नाम दर्ज किया जायेगा. इसे पोर्टल पर अपलोड किया जायेगा, ताकि दूसरे चरण में होनेवाली गणना के दौरान तैयार सूची के साथ मिलान करने में परेशानी नहीं हो. पहले चरण में गणना कर्मी प्रत्येक घर में रहनेवाले लोगों के घर कच्चा या पक्का की स्थिति, जमीन की स्थिति, वार्षिक आमदनी, घर के सदस्यों की शैक्षणिक स्थिति, रोजगार है तो सरकारी या निजी आदि डिटेल लिया जायेगा.
जाति आधारित गणना के लिए मास्टर ट्रेनरों को बिपार्ड में प्रशिक्षण दिया गया. पहले दिन पटना, समस्तीपुर, पूर्वी चंपारण, मधुबनी, पटना, पश्चिमी चंपारण व मुजफ्फरपुर जिले के मास्टर ट्रेनरों को प्रशिक्षण दिया गया. सामान्य प्रशासन विभाग के विशेष सचिव मो सोहैल ने प्रशिक्षण के दौरान जाति आधारित गणना के लिए तैयार करनेवाले ब्योरा से अवगत कराया. प्रशिक्षण कार्यक्रम में सामान्य प्रशासन विभाग के प्रधान सचिव बी राजेंदर भी मास्टर ट्रेनरों से रू ब रू हुए.