Hajipur News: खुले में शौच से मुक्ति के लिए दूसरा चरण शुरू, 28 हजार परिवारों को मिलेगा योजना का लाभ
Hajipur News: वैशाली जिले में 28 हजार नये शौचालय का निर्माण कराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. योजना अंतर्गत पंचायतों में 30 जून तक सर्वे कर रिपोर्ट जिला में उपलब्ध कराना है. शौचालय निर्माण नहीं हो सका, वैसे परिवारों को चिह्नित किया जायेगा.
हाजीपुर जिले में लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान के दूसरा चरण में सर्वे का काम शुरू कर दिया गया है. इस अभियान के तहत नये परिवार जिनके घरों में पूर्व में शौचालय का निर्माण नहीं हुआ था, उन्हें व्यक्तिगत शौचालय के निर्माण के लिए 12 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जायेगी. वित्तीय वर्ष 2021-22 से 2024-25 तक खुले में शौच से मुक्ति के लिए घर-घर शौचालय का निर्माण कराया जायेगा. जिले में 28 हजार नये शौचालय का निर्माण कराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. योजना अंतर्गत पंचायतों में 30 जून तक सर्वे कर रिपोर्ट जिला में उपलब्ध कराना है. शौचालय निर्माण नहीं हो सका, वैसे परिवारों को चिह्नित किया जायेगा.
ग्रामीण क्षेत्रों में सफाई व्यवस्था में सुधार लाकर चलायी जायेगी ओडीएफ प्लस महत्वपूर्ण योजना
स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) और लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान का मुख्य उद्देश्य जिले को खुले में शौचमुक्त बनाना है. साथ ही ठोस और तरल कचरा प्रबंधन के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में सफाई व्यवस्था में सुधार लाकर ओडीएफ प्लस महत्वपूर्ण योजना चलायी जायेगी. लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान के जिला समन्वयक अभिनाष कुमार ने योजना के संबंध में बताया कि सक्षम बिहार-स्वाबलंबी बिहार के अंतर्गत सात निश्चय- 02 में लक्षित स्वच्छ गांव-समृद्ध गांव के उद्देश्य को पूरा किया जायेगा. इसके लिए पूर्व में ही डीडीसी की अध्यक्षता में लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान द्वितीय चरण के कार्यान्वयन को लेकर एकदिवसीय उन्मुखीकरण सह कार्यशाला का भी आयोजन किया गया था.
आज भी शहर व गांव के लोग सड़क किनारे सुबह शाम जाते है शौच
स्वच्छ भारत मिशन के तहत जिले की ग्राम पंचायतों को ओडीएफ प्लस बनाने का कार्य आरंभ किया गया है. इसके तहत 16 प्रखंडों के ग्राम पंचायतों को ओडीएफ प्लस के लिए चिन्हित किया गया था. यहां सवाल उठता है कि जिन पंचायतों को ओडीएफ प्लस के लिए चिह्नित किया गया है वहां आज भी शत-प्रतिशत घरों में शौचालय नहीं बन पाया है या फिर बना भी है तो इसका व्यवहार शौच के रूप में नहीं किया जाता है. पंचायत स्थित अधिकतर वार्डो के लोग आज भी खुले में शौच को विवश हैं. खासकर गरीब परिवारों के घरों में अभी शौचालय का निर्माण नहीं हो सका है. ऐसे लोगों के पास एक तो शौचालय निर्माण के लिए अपनी जमीन नहीं है या फिर गरीबी के कारण ऐसे परिवार निर्माण को ले रुचि नहीं दिखा पा रहे हैं. लिहाजा आज भी शहर व गांव के लोग सड़क किनारे सुबह शाम शौच को जाते हैं.
स्वच्छताग्राही सीटी बजाते हुए गांव के बाहर देते थे पहरा
जानकारी हो कि खुले में शौचमुक्त वैशाली बनाने के लिए सरकारी निर्देशानुसार जिला प्रशासन ने 2019 में ही जिले को खुले में शौचमुक्त घोषित कर तकरीबन 4,98,482 परिवारों में शौचालय बनवाने का दावा किया था. उन्हें प्रोत्साहन के तौर पर 12 हजार रुपये बतौर सहायता राशि भी दी गयी थी. खुले में शौच करने के खिलाफ एक अभियान चलाया गया था. भीषण ठंड में भी सुबह 4 बजे जग कर स्वच्छताग्राही सीटी बजाते हुए गांव के बाहर पहरा देते थे. माइक से एनाउंसमेंट करके लोगों को खुले में शौच से होने वाले नुकसान को बताते थे. लोगों को रोकते थे. बाहर खुले में शौच जाने वाले लोगों से कहते थे कि घर में शौचालय बनवाइए. लेकिन हकीकत इसके ठीक उलट है. कई ऐसे परिवार है. जिनका शौचालय कागज पर ही पूर्ण दिखा दिया गया.
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