पटना मेट्रो के अंडरग्राउंड टनल की खुदाई के लिए दूसरी टनल बोरिंग मशीन भी मोइनुल हक स्टेडियम परिसर में उतार दी गयी है. रविवार को जमीन स्तर से करीब 16 मीटर नीचे बने शॉफ्ट पर टीएनबी को सफलतापूर्वक उतारा गया. दिल्ली मेट्रो के अधिकारियों ने बताया कि दोनों टीबीएम पांच महीने में स्टेडियम से पटना विश्वविद्यालय तक की 1494 मीटर की अपनी यात्रा पूरी करेंगी. दोनों टीबीएम के बीच चार से पांच सप्ताह का अंतर होगा. इसके बाद दोनों को रिट्रीव कर री-लॉन्च किया जायेगा.
सीएम ने किया था उद्घाटन
मालूम हो कि पटना मेट्रो रेल परियोजना के कॉरिडोर-2 की पहली टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) का औपचारिक शुभारंभ सात अप्रैल को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्टेडियम परिसर में ही किया था. अधिकारी ने बताया कि कॉरिडोर दो के लिए कुल चार टीबीएम तैनात की जायेंगी. इनमें से दो टीबीएम को सितंबर में गांधी मैदान स्टेशन पर लांच किया जायेगा.
टीबीएम से खुदाई के साथ मलबा हटाने में मदद मिलेगी
मेट्रो परियोजना लायी गयी टीबीएम का वजन करीब 60 हाथियों के बराबर है. इससे तेज खुदाई के साथ मलबा हटाने में भी मदद मिलेगी. बताया जा रहा है कि गंगा किनारे की मिट्टी जलोड़ है. साथ ही, वहां का जलस्तर भी नदी के किनारे होने के कारण काफी उपर है. ऐसे में सीआरसीएचआइ (चीन रेलवे निर्माण भारी उद्योग निगम लिमिटेड) ने टीबीएम का निर्माण नरम मिट्टी और जमीन के दवाब को बैलेंस रखने के लिए किया है.
क्या है टीबीएम
टीबीएम मशीन का पूरा नाम टनल बोरिंग मशीन है. इसका काम जमीन के अंदर तेजी से खुदाई करना है. इस मशीन में बैकअप गैन्ट्री के साथ एक कटर हेड, फ्रंट शील्ड, मिडिल शील्ड, टेल शील्ड लगा है. इसके मुख्य बॉडी की लंबाई 9 मीटर के आसपास है. जबकि, अर्थ प्रेशर बैलेंस मशीन की पूरी लंबाई 95 मीटर के आसपास है. हर रिंग से जमीन में लगभग 49 घन मीटर जमीन में खनन किया जाएगा. इससे मेट्रो के रुट निर्माण में परफेक्शन आएगी और काम भी जल्दी होगा.
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