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ब्लड सेंटर के छह रजिस्टर खोलेंगे काले धंधे का राज, पटना के अस्पतालों से दलालों की साठगांठ होगी उजागर

शहर में लाल खून का काला कारोबार करने के मामले में रोजाना नये-नये खुलासे हो रहे हैं. इस बार औषधि विभाग की टीम को निवेदा हॉस्पिटल के ब्लड सेंटर से छह रजिस्टर हाथ लगे हैं. उम्मीद जतायी जा रहा है कि जब्त रजिस्टर में ब्लड तस्करी के पूरे खेल का जिक्र है.

पटना. शहर में लाल खून का काला कारोबार करने के मामले में रोजाना नये-नये खुलासे हो रहे हैं. इस बार औषधि विभाग की टीम को निवेदा हॉस्पिटल के ब्लड सेंटर से छह रजिस्टर हाथ लगे हैं. उम्मीद जतायी जा रहा है कि जब्त रजिस्टर में ब्लड तस्करी के पूरे खेल का जिक्र है. इनमें उन अस्पतालों के भी नाम भी सामने आ सकते हैं, जहां आरोपित अजय और संतोष कुमार ने खून सप्लाइ किया है. औषधि विभाग के इंस्पेक्टर यशवंत झा ने बताया कि हॉस्पिटल के ब्लड सेंटर के प्रभारी के नाम से लाइसेंस है. ऐसे में संदेह है कि उनकी देखरेख में ही खून का काला कारोबार किया जा रहा था.

533 बैग में भरकर ब्लड कोलकाता से मंगाया

इधर ड्रग विभाग की टीम बुधवार को फिर से जांच करने हॉस्पिटल जायेगी. ड्रग इंस्पेक्टर यशवंत झा ने बताया कि 20 दिनों में संबंधित ब्लड सेंटर ने 533 बैग में भरकर ब्लड कोलकाता से मंगाया. इसमें 134 बैग ब्लड बचे हुए हैं, जिनकी जांच की जा रही है. कोलकाता से ब्लड क्यों मंगाया जा रहा था और पटना के किन-किन अस्पतालों में खून की सप्लाइ हो रही है, इस संबंध में ब्लड बैंक के प्रभारी से पूछताछ की जायेगी. इसके बाद ब्लड लेने वाले अस्पतालों से भी ड्रग विभाग की टीम जांच करेगी.

रक्तदान शिविरों से जुटाये खून का भी सौदा

पटना. पत्रकार नगर थाने के संजय गांधी रोड नंबर-1 स्थित किराये के मकान में ब्लड का काला कारोबार करने वाले आरोपित अजय कुमार और संतोष कुमार की निशानदेही पर ड्रग विभाग ने निवेदा ब्लड सेंटर में छापेमारी की. इसके बाद ड्रग विभाग ने कई चौंकाने वाले खुलासे किये हैं.

कई ब्लड सेंटर से साठगांठ

जानकारी के अनुसार यहां दान में मिले रक्त का भी कारोबारी सौदा कर देते थे. रक्तदान शिविर लगाने के लिए दोनों आरोपित कई ब्लड सेंटर व ट्रस्ट संचालकों से साठगांठ कर खून का धंधा करते थे. गरीब मरीजों व सरकारी अस्पतालों में ब्लड भेजने के नाम पर वे अपने किराये के मकान में ब्लड लेकर जमा करते थे और फिर वहां से महंगे दाम पर जरूरतमंद लोगों को खून बेचते थे.

एक दर्जन अस्पताल और ब्लड बैंक हैं रडार पर

जांच में पता चला है कि दोनों आरोपितों ने 13 से अधिक लड़कों की टीम तैयार कर रखी थी. कुछ लोगों के नामों की जानकारी पुलिस व ड्रग विभाग की टीम को मिल गयी है. ये लड़के जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर गरीब, नशेड़ियों का खून निकालते थे. साथ ही शहरी इलाकों में रक्तदान शिविर लगाते थे और जमा हुए ब्लड का स्टॉक रख कर और घर-घर जाकर करीब पांच हजार रुपये में मरीजों को एक यूनिट ब्लड चढ़ाते थे.

रक्तदान शिविर लगाकर जमा रक्त को बेच दिया

बीते एक साल में आरोपितों ने 25 से अधिक रक्तदान शिविर लगाकर जमा रक्त को बेच दिया. इधर ड्रग विभाग ने निवेदा, शिवम सहित नौ से अधिक अस्पतालों और तीन ब्लड सेंटरों के नामों की जानकारी मिली है. टीम इन अस्पतालों व ब्लड बैंकों को रडार पर लेकर जांच शुरू करने जा रही है. सहायक औषधि निरीक्षक विश्वजीतदास गुप्ता ने बताया कि सोमवार को निवेदा हॉस्पिटल ब्लड सेंटर में विभाग की टीम जांच करने पहुंची, तो दोनों आरोपितों का कोलकाता कनेक्शन का खुलासा हुआ.

ब्लड सेंटर के इंचार्ज सहित अन्य कर्मी फरार

आरोपित शिविर लगाकर ब्लड जमा करते थे और उस ब्लड को खुद अपने घर के फ्रिज में स्टॉक करते थे. फिलहाल ब्लड सेंटर के इंचार्ज सहित अन्य कर्मी फरार हैं. खून मिलावटी है या नहीं, इसकी भी जांच चल रही है. जल्द ही अन्य आरोपित भी पकड़े जायेंगे. मालूम हो कि बीते रविवार को पत्रकार नगर थाने के संजय गांधी रोड नंबर-1 स्थित किराये के मकान में पुलिस ने अजय कुमार व संतोष कुमार को गिरफ्तार किया था. पुलिस ने आरोपितों के अड्डे से 44 यूनिट खून जब्त किया था. पूछताछ के बाददोनों आरोपितों को जेल भेज दिया गया.

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