Sell Online: ऑनलाइन बिकने लगा गांवों में आराम फरमाने का साधन खटिया, 17 हजार है कीमत

Sell online: गांवों में आराम फरमाने का साधन खटिया (चारपाई) अब इ-कॉमर्स वेबसाइट (E commerce website) पर भी उपलब्ध है. खटिया (Khatiya) को लेकर अब विज्ञापन सोशल मीडिया (Social Media Ad) पर काफी शेयर हो रहा है. इसमें इसकी कीमत 17 हजार रुपये बतायी जा रही है. विज्ञापन में खटिया को वुड लॉन्जर (Wood Lounger) लिखा गया है.

By Prabhat Khabar News Desk | February 15, 2021 6:03 PM
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Sell Online: गांवों में आराम फरमाने का साधन खटिया (चारपाई) अब इ-कॉमर्स वेबसाइट (E commerce website) पर भी उपलब्ध है. खटिया (Khatiya) को लेकर अब विज्ञापन सोशल मीडिया (Social Media Ad) पर काफी शेयर हो रहा है. इसमें इसकी कीमत 17 हजार रुपये बतायी जा रही है. विज्ञापन में खटिया को वुड लॉन्जर (Wood Lounger) लिखा गया है.

इसे पारंपरिक भारतीय सन-बेड बता कर बेचा जा रहा है. इसमें बताया गया है कि चारपाई मजबूत है. आम की लकड़ी से बनी है. साथ ही इसमें बेहतर और कॉटन रस्सी लगायी गयी है. लोकल फॉर वोकल के तौर पर इसे बताया जा रहा है. इसे बेहतर हैंडीक्राफ्ट खटिया और सन बेड भी बताया जा रहा है. फॉर्डेबल हेड रेस्ट, एडजस्ट, बैकरेस्ट पोस्चर के साथ-साथ अन्य खूबियां भी बतायी गयी है.

वहीं, इस संबंध में लोकल बढ़ई कहते हैं कि खटिया चौकी के दाम से भी कम में तैयार हो जायेगा. दो से तीन हजार में खटिया तैयार हो जायेगा. वहीं, विज्ञापन के अनुसार, स्वदेश खटिया काफी आरामदायक बताया गया है. वहीं, ग्राहकों की सुविधानुसार इसकी लंबाई और चौड़ाई भी दिखायी गयी है.

गोबर, गोइठा, दातुन और मिट्टी तक बिकने लगा ऑनलाइन

इतना ही नहीं खटिया से पहले भी गांवों में इस्तेमाल करने वाले भी कई सामान इ-कॉमर्स वेबसाइट पर बिक रहे हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में खाना बनाने के लिए जलावन के रूप में इस्तेमाल किया जाने बाला गोबर का गोइठा, चेहरे और बालों में लगाने वाली मिट्टी, दातुन, गो-मूत्र भी ऑनलाइन बिक रहा है. गाय के गोबर का गोइठा से लेकर दातुन व अन्य ग्रामीण परिवेश में पहले इस्तेमाल किये जाने वाले सामान ऊंचे दामों में ऑनलाइन बेचा जा रहा है.

इसे कई कंपनियां अपना लेबल लगाकर अलग-अलग तरीकों से बेच रही है. गोबर और गोइठा हवन पूजन सामग्री के रूप में 100 रुपये से लेकर 200 रुपये तक में बेच रही है. गोइठा के साइज और क्वान्टिटी के अनुसार दाम रखा गया है, जिसे प्लास्टिक में पैकिंग करके उसमें लेबल लगा दिया गया है. उस लेबल में कंपनी का नाम और प्रोडक्ट का नाम है.

इनपुट: अनुराग प्रधान

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Posted by: Utpal kant

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