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बिहार में रेलवे के 3 बड़े अफसर गिरफ्तार, माल ढुलाई रैक में रिश्वत मामले में सीबीआइ ने की कार्रवाई

सीबीआइ ने हाजीपुर-मुख्यालय वाले पूर्व मध्य रेलवे इसीआर में माल ढुलाई रैक में गड़बड़ी करने के आरोप में रेलवे के तीन बड़े अधिकारियों को सोमवार को गिरफ्तार कर लिया. सीबीआइ की टीम ने सबसे पहले हाजीपुर इसीआर में मुख्य माल परिवहन प्रबंधक के पद पर तैनात संजय कुमार (1996 बैच) को गिरफ्तार किया.

पटना, नयी दिल्ली. सीबीआइ ने हाजीपुर-मुख्यालय वाले पूर्व मध्य रेलवे इसीआर में माल ढुलाई रैक में गड़बड़ी करने के आरोप में रेलवे के तीन बड़े अधिकारियों को सोमवार को गिरफ्तार कर लिया. सीबीआइ की टीम ने सबसे पहले हाजीपुर इसीआर में मुख्य माल परिवहन प्रबंधक के पद पर तैनात संजय कुमार (1996 बैच) को छह लाख रुपये रिश्वत लेते गिरफ्तार किया. उनकी सूचना पर समस्तीपुर मंडल में तैनात सीनियर डीओएम रूपेश कुमार (2011 बैच) और सोनपुर में तैनात सीनिसर डीओएम सचिन मिश्रा (2011 बैच) को भी गिरफ्तार कर लिया गया है. इनमें से सचिन मिश्रा को रविवार को ही हिरासत में लिया गया था. तीनों अधिकारियों के साथ कोलकाता से दो निजी कंपनी के कर्मियों को भी गिरफ्तार किया गया है.सीबीआइ ने आधिकारिक रूप से इसकी जानकारी दी है. सोमवार की देर शाम गिरफ्तार तीनों अधिकारियों को सीबीआइ की विशेष कोर्ट में पेशी की गयी , जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया.

रविवार और सोमवार को सीबीआइ ने की थी छापेमारी

रविवार और सोमवार को सीबीआइ की टीम ने पटना, हाजीपुर, समस्तीपुर और कोलकाता समेत 16 जगहों पर इस संबंध में छापेमारी की. गिरफ्तार हुए अधिकारियों पर माल लदान के लिए रेलवे रैक के तरजीही आवंटन के लिए इसीआर विक्रेताओं से नियमित रिश्वत लेने का आरोप है.

बिहार के एक सांसद के करीबी रिश्तेदार

सीबीआइ ने कोलकाता स्थित आभा एग्रो इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड के नवल लधा और मनोज कुमार साहा नामक एक व्यक्ति को भी गिरफ्तार किया है. इनके आवास पर तलाशी के दौरान 46.50 लाख रुपये नकद बरामद किये गये. गिरफ्तार किये गये रेलवे अधिकारी संजय कुमार बिहार के एक सांसद के करीबी रिश्तेदार बताये जाते हैं. उनके एक भाई हाजीपुर में बिहार पुलिस में डीएसपी के रूप में तैनात हैं.

हर महीने मिलती थी निश्चित रकम

पटना. पूर्व मध्य रेलवे के अधिकारियों की गिरफ्तारी का यह मामला माल लोडिंग-अनलोडिंग में होने वाले समय के खेल से जुड़ा है. दरअसल माल लदान करने वाले रेलवे के रैक की बड़ी डिमांड होती है. इसके लिए सरकारी कंपनियों से लेकर निजी कंपनियां रेल मंत्रालय तक पैरवी लगाती हैं. इसको देखते हुए रेल मंत्रालय ने लोडिंग-अनलोडिंग के लिए समय तय कर रखा है.

इनकी महत्वपूर्ण भूमिका

लोडिंगअनलोडिंग में उससे अधिक समय लगने पर संबंधित रैक लेने वाली कंपनी पर उपलब्ध माल व रैक के हिसाब से जुर्माना लगाया जाता है. इस मामले में जोन स्तर पर चीफ फ्रेट एवं ट्रांसपोर्ट मैनेजर (सीएफटीएम) जबकि मंडल स्तर पर सीनियर डिवीजनल ऑपरेटिंग मैनेजर (डीओएम) की महत्वपूर्ण भूमिका होती है.

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