मुंगेर के डीएम रहे IAS सेंथिल जाएंगे जेल? काली कमाई के बदले देते थे ठेकेदारी! भाई भी लिप्त, जानें मामला
पटना नगर निगम के आयुक्त और मुंगेर के डीएम रह चुके आइएएस अधिकारी के सेंथिल कुमार की संपत्ति को ईडी जब्त करेगी. सेंथिल पर पद का दुरुपयोग करते हुए काली कमाइ से अकूत संपत्ति बनाने का आरोप है.
बिहार के चर्चित आइएएस अधिकारी के सेंथिल (Senthil Kumar Ias Bihar) मुश्किलों में घिर गये हैं. प्रवर्तन निदेशालय (इडी) ने सेंथिल समेत 4 लोगों की अवैध रूप से अर्जित करोड़ों की संपत्ति को जब्त करने की कार्रवाई में जुट गयी है. इसे लेकर पटना जिला जज की अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया गया है. सेंथिल पर पद का दुरुपयोग करते हुए आय से अधिक संपत्ति बनाने का आरोप है. आरोप है कि के सेंथिल कुमार ने मुंगेर के जिलाधिकारी और पटना नगर निगम के आयुक्त के रूप में अपने कार्यकाल से ही भ्रष्ट तरीकों से भारी संपत्ति अर्जित की है.
जानिये कौन हैं के सेंथिल
ईडी के आरोप पत्र में के सेंथिल के ऊपर बड़े-बड़े खुलासे हुए हैं. सेंथिल वर्तमान में स्वास्थ्य विभाग में सचिव के पद पर हैं. इससे पहले वो गृह विभाग में सचिव रहे. सेंथिल पटना नगर निगम में आयुक्त और मुंगेर में डीएम भी रह चुके हैं. इसी दौरान अवैध तरीके से संपत्ति अर्जन का आरोप है. पटना नगर निगम के तत्कालीन आयुक्त सेंथिल व उपायुक्त वैद्यनाथ दास समेत 4 पर मुकदमा किया गया है. सेंथिल के भाई के अयप्पन और ठेकेदार विमल कुमार भी इनमें शामिल हैं.
भाई के जरिये काली कमाई का चलाया खेल
ईडी की जांच में ये बात सामने आयी है कि सेंथिल ने मुंगेर में डीएम और पटना में आयुक्त रहते अकूत संपत्ति अवैध तरीके से अर्जन की. आरोप है कि भ्रष्ट तरीकों से उन्होंने भारी संपत्ति अर्जित की. उन्होंने पटना में मेसर्स सुधा सुपर मार्केट और मेसर्स चेन्नई कैफे जैसी फर्मों में निवेश किया और तमिलनाडु के इंदिरा मेमोरियल पारिवारिक ट्रस्ट के माध्यम से भी अपनी काली कमाई को सफेद किया. मेसर्स सुधा व मेसर्स चेन्नई कैफे उनके भाई अयप्पन के नाम से जरुर है लेकिन वास्तव में वो सेंथिल का ही है.
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कौन है ठेकेदार विमल कुमार?
इस पूरे प्रकरण में एक ठेकेदार विमल कुमार का नाम भी आया है. विमल कुमार सेंथिल का बेहद करीबी है. आरोप है कि सेंथिल अपनी अवैध कमाई को विमल के जरिये ही खपाते थे. इसके एवज में विमल को सरकारी ठेके दिये जाते थे. सेंथिल कुमार ने परिवार के सदस्य के नाम पर ट्रस्ट भी बनाया था. अवैध कमाई को इसके जरिये सफेद करने का आरोप है.
क्या जेल जाएंगे सेंथिल?
बता दें कि 2 करोड़ 60 लाख 95 हजार की मनी लॉन्ड्रिंग का यह मामला है. ईडी के इस मामले में अदालत द्वारा दोषी पाए जाने पर सेंथिल को 3 से 7 साल की सश्रम कारावास की सजा मिल सकती है.
Published By: Thakur Shaktilochan