पटना. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य में डेयरी के विकास को लेकर व्यापक स्तर पर पहल करने की बात कही है. उन्होंने विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया कि सभी गांवों में महिलाओं के लिए अलग से डेयरी सहकारिता समिति बनायी जाये. साथ ही जीविका की दीदियों को भी इसमें शामिल करें. उन्होंने सभी जिलों, प्रखंडों व पंचायतों से लेकर सभी गांवों को डेयरी सहकारिता समिति के नेटवर्क से जोड़ने की बात कही है.
गांवों तक डेयरी सहकारिता समिति का विस्तार होने से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लोगों को रोजगार मिलेगा और उनकी आमदनी भी बढ़ेगी. मुख्यमंत्री बुधवार को एक अणे मार्ग स्थित संकल्प सभाकक्ष में कॉम्फेड की तरफ से डेयरी के विकास के लिए दिये गये प्रेजेंटेशन के बाद अधिकारियों को निर्देश दे रहे थे.
उन्होंने कहा कि प्रत्येक आठ से 10 पंचायतों पर एक पशु अस्पताल बनाने की योजना पर जल्द काम शुरू करें. यहां पशुओं का मुफ्त इलाज के साथ ही मुफ्त दवा देने की भी व्यवस्था होगी. इस दौरान उन्होंने देसी या स्थानीय नस्ल की गायों की नस्ल को बढ़ावा देने की बात कही. कहा कि आत्मनिर्भर बिहार के सात निश्चय-2 के अंतर्गत देसी गौ संरक्षण की योजना है.
इस पर सही तरीके से अमल करने की जरूरत है. मुख्यमंत्री ने कहा कि भैंस और गाय के दूध की अलग-अलग उपयोगिता है. इसे देखते हुए इससे जुड़े अध्ययन कराएं और उसके आधार पर इसे प्रमोट भी करें. गाय के दूध के उत्पादन को अलग से व्यापक स्तर पर प्रोत्साहित करने की जरूरत है. गाय का
दूध स्वास्थ्य अौर अन्य दृष्टिकोण से भी उपर्युक्त है. सभी पशुपालकों को उचित पशु चिकित्सा उपलब्ध कराने के लिए सभी तरह की व्यवस्था की जायेगी. इस बैठक में पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के सचिव एन श्रवण कुमार ने मुख्यमंत्री को डेयरी को-ऑपरेटिव सोसाइटी, पशु स्वास्थ्य, पशु पोषकता, प्रोसेसिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर, मार्केटिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर, मैन पॉवर विकास समेत अन्य के बारे में विस्तार से जानकारी दी गयी.
इस दौरान पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री मुकेश सहनी, मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह, विकास आयुक्त आमिर सुबहानी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार और सचिव मनीष कुमार वर्मा व अनुपम कुमार, सहकारिता विभाग की सचिव बंदना प्रेयसी, कॉम्फेड की प्रबंध निदेशक शिखा श्रीवास्तव समेत अन्य मौजूद थे.
उन्होंने कहा कि 2005 में सरकार में आने के बाद से ही दूध उत्पादन में वृद्धि को लेकर कई कार्य किये गये हैं. पहले की तुलना में दूध उत्पादन बढ़ा है, लेकिन इसे और बढ़ाने के लिए तेजी से काम करना होगा. डेयरी सहकारिता सोसाइटी को बढ़ावा देने के लिए सरकार शुरू से ही प्रयास कर रही है. इसे लेकर राज्य सरकार हर तरह से सहयोग कर रही है.
Posted by Ashish Jha