जदयू का अलग होना भाजपा के लिए सुनहरा अवसर, संजय जयसवाल बोले- खुद सक्षम, नहीं बनायेंगे नये दोस्त
प्रभात खबर ने सत्ता सिस्टम में बैठे लोगों, नौकरशाहों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ संवाद की नयी शृंखला शुरू की है. संवाद की तीसरी कड़ी में मुख्य विपक्षी दल भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सांसद डॉ संजय जायसवाल प्रभात खबर कार्यालय पहुंचे. यहां उन्होंने बड़ी सहजता और बेबाकी से सवालों के जवाब दिये.
प्रभात खबर टीम, पटना. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल ने कहा कि जदयू का अलग होना भाजपा के लिए एक बड़ा अवसर के समान है. पार्टी 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में प्रदेश की सभी 40 सीटों पर अपनी तैयारी कर रही है. वैसे, अपने दम पर लोकसभा की 35 सीटों पर चुनाव लड़ेगी और जीतेगी. पांच सीटें सहयोगी पार्टियों के लिए छोड़ सकती है. उन्होंने दावा किया कि लोकसभा के चुनाव में 35 सीटें भाजपा की झोली में आयेगी और 2025 के विधानसभा चुनाव में प्रदेश में भाजपा की अपनी सरकार होगी.
हमलोग चिराग पासवान के साथ समझौता चाहते थे
डॉ जायसवाल ने कहा कि 2020 के विधानसभा चुनाव में वह चाहते थे कि भाजपा अकेले चुनाव में जाये. लेकिन, पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने कहा कि नीतीश कुमार को साथ लेकर चलना है. हमलोग चिराग पासवान के साथ समझौता चाहते थे. लेकिन, जदयू ऐसा नहीं चाहता था. जदयू ने हमारे सीटिंग विधायकों के खिलाफ कई जगहों पर उम्मीदवार उतारा. अब वो अलग हो गये तो यह भाजपा के लिए ईश्वरीय वरदान के समान है. पार्टी इसे सुनहरा अवसर के रूप में देख रही है.
भविष्य में भाजपा कभी भी जदयू के साथ तालमेल नहीं करेगी
डा जायसवाल ने कहा कि भविष्य में भाजपा कभी भी जदयू के साथ तालमेल नहीं करेगी. चुनौती भले बड़ी है, पर इसी से रास्ता निकलता है. 2014 और 2022 में भारी अंतर है. भाजपा के 72 हजार बूथों पर भाजपा कार्यकर्ता हैं. हमने पन्ना प्रमुख को नियुक्त किया है. आज वे हमारी ताकत बन चुके हैं. बिहार सरकार द्वारा केंद्र पर बिहार के साथ भेदभाव करने के आराेप को खारिज करते हुए भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि इन आरोपों में कोई दम नहीं है. आज बिहार में यदि सौ रुपया खर्च हो रहा है तो उसमें केंद्र का सहयोग 74 रुपये का है. महाराष्ट्र का आकार बिहार से बड़ा है और वहां सौ रुपये में 28 रुपये केंद्र सरकार के सहयोग से खर्च हो रहा है.
लोकसभा चुनाव में किसी नये साथी की तलाश नहीं
डॉ संजय जायसवाल ने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव में जाने के लिए भारतीय जनता पार्टी काे बिहार में किसी नये साथी की तलाश नहीं है. जो साथ आना चाहते हैं, वे आ सकते हैं. पांच से छह सीटों का तालमेल हो सकता है. लेकिन, गठबंधन में भी भाजपा 35 सीटों पर खुद चुनाव लड़ेगी और जीतेगी.
अटल जी बिहार को देना चाहते थे विशेष दर्जा
डॉ जायसवाल ने जदयू और नीतीश कुमार सरकार की बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिये जाने की मांग पर कहा कि जब अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री थे और उन्होंने छत्तीसगढ़ और उतराखंड को विशेष राज्य का दर्जा दिया तो तत्कालीन हमारे सहयोगी ने बिहार में अपराध का आंकड़ा दिखा अटल जी को रोक दिया. केंद्र सरकार पूरी तरह बिहार के विकास के लिए काम कर रही है. बिहार की सरकार पैसे का उपयोग नहीं कर पा रही है. कई ऐसी योजनाएं हैं, जिसकी राशि का उपयोग नहीं हुआ. जबकि, यूपी समेत दूसरे राज्यों में बड़ी उपलब्धि हुई है.