पटना. बिहार मानवाधिकर आयोग के सदस्य उज्ज्वल कुमार दुबे ने नवगछिया पुलिस जिले के बिहपुर थाने के तत्कालीन थानाध्यक्ष सहित पांच पुलिसकर्मियों को इंजीनियर आशुतोष पाठक को हिरासत में लेकर पिटाई करने और पुलिस कस्टडी में उसकी मौत के लिए जिम्मेदार माना है़
मृत युवक की पत्नी को सात लाख रुपये का मुआवजा देने तथा क्षतिपूर्ति की यह राशि दोषी पुलिसकर्मियों से वूसलने का आदेश दिया गया है. सॉफ्टवेयर इंजीनियर आशुतोष पाठक दशहरे में घर बिहपुर स्थित मड़वा आया था.
वह 24 अक्तूबर को बाइक से पत्नी स्नेहा पाठक और दो साल की बेटी माणवी के साथ भ्रमरपुर दुर्गा स्थान में पूजा करने के बाद मड़वा लौट रहा था. मड़वा महेश (महंत) स्थान के पास थानेदार रंजीत कुमार मंडल,उनके निजी चालक और अन्य पुलिसकर्मियों ने उसे रोक लिया. कई पुलिसकर्मी सिविल ड्रेस में थे.
कहासुनी पर पुलिस ने बेटी और पत्नी के सामने ही इंजीनियर की पिटाई कर दी थी. इसके बाद उसको लेकर बिहपुर थाना आये. थाने में भी उसकी पिटाई करने का आरोप है. परिजनों के अनुसार, पुलिसकर्मियों ने हालत खराब होने के बाद उसे परिजनों को सौंप दिया था, जिसके बाद उसकी इलाज के दौरान मौत हो गयी थी.
मानवाधिकार आयोग के सदस्य उज्ज्वल कुमार दुबे ने इस मामले में संज्ञान लिया. डीएम व एसपी से इसकी रिपोर्ट मांगी. बाद में बजेश मिश्र, कार्यक्रम संयोजक, चाणक्य विकास मोर्चा के अमित कश्यप और भागलपुर जिले के कांग्रेस सचिव सुजीत कुमार झा ने भी आयोग में अलग-अलग रिपोर्ट दी थी.
सभी याचिकाओं पर आयोग ने एक साथकर आदेश पारित किया है. सदस्य उज्ज्वल कुमार दुबे के आदेश पर एसपी, नवगछिया ने अपनी जांच रिपोर्ट आयोग को सौंपी थी.
इसकी जांच अभी चल रही है. थानेदार और एएसआइ को निलंबित किया जा चुका है. गृहरक्षकों को छह माह के लिए सेवा से वंचित कर दिया गया है.
Posted by Ashish Jha