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बिहार में विपक्ष के सात विधायकों ने दिए द्रौपदी मुर्मू को वोट, विपक्ष के उम्मीदवार का दांव पड़ा उल्टा

बिहार विधानसभा में एनडीए विधायकों की संख्या 127 होती है. इनमें 126 सदस्यों ने वोट डाले, जिनमें भाजपा के 76, जदयू के 45, हम के चार तथा निर्दलीय एक सदस्य ने द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में वोट किया. भाजपा के एक सदस्य वोट नहीं डाल पाये.

By Prabhat Khabar News Desk | July 23, 2022 11:07 AM

पटना. राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने बिहार के विधायकों को अंतरात्मा की आवाज पर अपने पक्ष में वोट करने की अपील की थी, पर उनका यह दांव उल्टा पड़ गया. विपक्ष के सात विधायकों ने एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में वोट किया. दो विधायकों के वोट रद्द भी हो गये. चुनाव आयोग ने राष्ट्रपति चुनाव में बिहार से पड़े वोट के आंकड़े साझा किये हैं. इसके मुताबिक द्रौपदी मुर्मू को बिहार में 133 विधायकों का वोट मिला है, जबकि विपक्षी उम्मीदवार यशवंत सिन्हा काे 106 विधायकों के वोट मिले.

विपक्ष के उम्मीदवार का दांव पड़ा उल्टा

बिहार विधानसभा में एनडीए विधायकों की संख्या 127 होती है. इनमें 126 सदस्यों ने वोट डाले, जिनमें भाजपा के 76, जदयू के 45, हम के चार तथा निर्दलीय एक सदस्य ने द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में वोट किया. भाजपा के एक सदस्य वोट नहीं डाल पाये. दूसरी ओर, विधानसभा में विपक्षी सदस्यों की कुल संख्या 115 थी. इनमें राजद के 79,कांग्रेस के 19, भाकपा- माले के 12, माकपा के दो, भाकपा के दो और एआइएमआइएम के एक सदस्य हैं. इसके बावजूद विपक्ष के साझा उम्मीदवार यशवंत सिन्हा के पक्ष में वोट मात्र 106 ही गिरे. राजनीतिक हलकों में इस बात की चर्चा है कि विपक्ष के जिन सात सदस्यों ने अंतरात्मा की आवाज पर वोट किया, वह किस दल के विधायक हैं.

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आठ राजद विधायकों के वोट मुर्मू को: संजय

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल ने दावा किया कि राष्ट्रपति पद के चुनाव में एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को राजद के आठ विधायकों ने अपना वोट दिया है. उन्होंने शुक्रवार को बयान जारी कर कहा कि देशभर में 121 जनप्रतिनिधियों ने अंतरात्मा की आवाज पर एनडीए उम्मीदवार और पहली बार जनजातीय समूह की महिला द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में वोट डाले. उन्होंने कहा कि देश के सर्वोच्च पद पर आसीन होना भारतीय लोकतंत्र की मजबूती और परिपक्वता को दर्शाता है. इस जीत के नायक वह सभी जनप्रतिनिधि हैं, जिन्होंने अपना बहुमूल्य मत उन्हें देकर एक नये इतिहास का सृजन किया है.

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