बिहार के पारंपरिक विश्वविद्यालयों में चार साल के स्नातक डिग्री के लिए सात तरह के कोर्स स्ट्रक्चर प्रस्तावित किये गये हैं. इसके सभी आठ सेमेस्टर में कुल क्रेडिट अंक 160 से 180 के बीच संभावित रखे गये हैं. हालांकि इस संदर्भ में अभी औपचारिक तौर पर निर्णय नहीं लिया गया है.
जानकारी के मुताबिक मंगलवार को राजभवन में कोर्स स्ट्रक्चर तैयार करने के लिए गठित समिति की बैठक हुई. इस समिति की अगली बैठक 25 अप्रैल को होगी, जिसमें कोर्स स्ट्रक्चर को हरी झंडी मिलने की उम्मीद है. इसके लिए ड्रॉफ्ट काफी हद तक तैयार कर लिया गया है.
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक मंगलवार को ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो सुरेंद्र प्रताप सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में पटना विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो गिरीश कुमार चौधरी, पाटलिपुत्र विवि के कुलपति प्रो आर के सिंह, नालंदा खुला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो केसी सिन्हा और वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो शैलेंद्र कुमार चतुर्वेदी उपस्थित रहे. इसके अलावा कमेटी में समन्वयक के रूप में बिहार राज्य उच्चतर शिक्षा परिषद के शैक्षणिक सलाहकार प्रो एन के अग्रवाल भी उपस्थित रहे.
सूत्र बताते हैं कि समिति से जुड़े विश्वविद्यालय कोर्स स्ट्रक्चर तैयार करेंगे. सभी को अलग-अलग जिम्मेदारी दी गयी है. ऐसे विषय जो किसी अन्य विश्वविद्यालयों में नहीं पढ़ाये जाते हैं, उनका पाठ्यक्रम संबंधित विश्वविद्यालय को खुद बनाना है. इसके अलावा पांरपरिक विषयों में अगर कोई विश्वविद्यालय अपने स्तर से सिलेबस बना कर जमा करना चाहें तो वह संबंधित कमेटी के सामने अपना प्रस्ताव रख सकता है. कामेश्वर सिंह दरभंगा विश्वविद्यालय को अपने स्तर से सिलेबस तैयार करना है.
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मेजर या कोर सब्जेक्ट मसलन गणित, भूगोल और विज्ञान आदि
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माइनर या जेनरिक कोर्स या वैकल्पिक कोर्स
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योग्यता संवर्धन करने वाले कोर्स
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कौशल बढ़ाने वाले कोर्स
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मल्टी डिसिप्लिनगरी कोर्स
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वैल्यू ऐडेड कोर्स
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वोकेशनल कोर्स