पूरे देश में सक्रिय साइबर क्राइम करने वाले गैंग के तार एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं. साइबर क्राइम करने वाले गैंग पटना में लोगों को ठगी का शिकार बनाते हैं और दूसरे राज्यों के बैंकों में खुले खातों में रकम डलवा देते हैं. इससे इन्हें यह फायदा पहुंचता है कि संबंधित राज्य की पुलिस दूसरे राज्य में अनुसंधान करने नहीं पहुंच पाती है और जब तक पहुंचती है, तब तक वहां से सारा सबूत साफ कर निकल जाते हैं. इसके कारण गिरोह के सदस्य नहीं पकड़े जाते हैं. अगर पकड़ा भी जाता है, तो वह गैंग के सबसे निचले पायदान का सदस्य होता है.
राजस्थान की अलवर पुलिस ने 11 जनवरी को सेक्सटॉर्शन का शिकार बनाने वाले गिरोह के तीन सदस्य कासिम, जाहुल और दीनु खान को गिरफ्तार किया. इस गिरोह ने महज ढाई साल में 11 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी की है. पुलिस ने इनके पास से आठ एटीएम कार्ड, चार मोबाइल फोन, एक स्वाइप मशीन, एक क्रेटा कार और सवा लाख रुपये बरामद किये थे. ये तीनों राजस्थान के भरतपुर जिले के रहने वाले हैं. लेकिन, इस मामले में भी बिहार का कनेक्शन जुड़ गया है. अलवर पुलिस ने जब इन तीनों को रिमांड पर लेकर पूछताछ की, तो पता चला कि इस गैंग के लोग पूरे देश में फैले हुए हैं. साथ ही यह भी जानकारी मिली है कि इस गैंग ने पटना व वैशाली के पांच खातों में ठगी की रकम डलवायी और फिर रकम को अपने आका तक पहुंचा दिया. सूत्रों का कहना है कि अलवर पुलिस ने पटना पुलिस के वरीय अधिकारियों को भी इस मामले की जानकारी दी है और जल्द ही पटना भी जांच करने के लिए आयेगी.
पटना के लोगों को भी बनाया है शिकार
इस गिरोह के पास से अलवर पुलिस को पांच दर्जन से अधिक खातों की जानकारी मिली है, जिनमें रकम के ट्रांजेक्शन की जांच की जा रही है. बताया जाता है कि अलवर के इस गिरोह ने पटना जिले के कई लोगों को सेक्सटॉर्शन का शिकार बनाया है.
अलवर के गोविंदगढ़ इलाके से पकड़े गये थे तीनों
बताया जाता है कि ये तीनों अरवल जिले के गोविंदगढ़ की एटीएम मशीन से रुपये निकालने के फिराक में थे. इस दौरान पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर इन तीनों को गिरफ्तार कर लिया. यह गिरोह युवतियों के नाम से सोशल साइट पर अपने अकाउंट बनाते थे और दोस्त बनाते थे. इसके बाद झूठा प्रेम का नाटक कर उनके वाट्सअप नंबर ले लेते थे. इसके बाद ऑनलाइन सेक्स का ऑफर देकर उन्हें सेक्सटॉर्शन का शिकार बनाते थे. मसलन उनके अश्लील स्क्रीनशॉट को सोशल मीडिया पर बदनाम कर रकम की वसूली करते थे.