केजरीवाल, आतिशी और मनीष सिसोदिया इस बार विधानसभा का मुंह नहीं देख पाएंगे : शाहनवाज हुसैन

Delhi Assembly Elections: शाहनवाज ने कहा कि केजरीवाल ने दिल्ली के लोगों को ठगने का काम किया. वे सत्ता में बड़ी-बड़ी बातें कर पहुंचे थे. अब दिल्ली की जनता इन्हें पहचान गई है.

By Prashant Tiwari | January 7, 2025 6:51 PM

Delhi Assembly Elections: भाजपा के प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने मंगलवार को यहां दावा करते हुए कहा कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी का हारना तय है. उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इस बार बुरी तरह हारेंगे. भागलपुर में पत्रकारों से चर्चा करते हुए पूर्व मंत्री शाहनवाज हुसैन ने कहा कि मुख्यमंत्री आतिशी, मनीष सिसोदिया और केजरीवाल इस चुनाव में विधानसभा का मुंह नहीं देख पाएंगे. 

केजरीवाल ने दिल्ली के लोगों को ठगने का काम किया: शाहनवाज 

शाहनवाज ने कहा कि केजरीवाल ने दिल्ली के लोगों को ठगने का काम किया. वे सत्ता में बड़ी-बड़ी बातें कर पहुंचे थे. अब दिल्ली की जनता इन्हें पहचान गई है. दिल्ली की जनता 10-15 साल तक पिसती रही, अब दिल्ली की जनता ने जान लिया है. जो वैगन आर में चलते थे, वे अब बड़े-बड़े काफिले में चलते हैं, जो कहते थे घर नहीं लेंगे, वहां शीश महल ले लिया.”

अरविंद केजरीवाल

पुरानी शर्ट पहनकर लोगों को ठगा

बिहार के पूर्व मंत्री हुसैन ने कहा कि वे खुद को आम आदमी कहकर सत्ता में आए, लेकिन वे कभी आम आदमी नहीं थे. वे तो इनकम टैक्स कमिश्नर थे. लोगों को पुरानी शर्ट पहनकर, खांसी कर और गले में मफलर बांधकर, आम आदमी बनकर दिल्ली के लोगों को ठगा है. अब वक्त आ गया है. जिस तरह दिल्ली के लोगों ने लोकसभा के चुनाव में सभी सात सीटें भाजपा को दी थीं, इस बार भी तीन चौथाई बहुमत से दिल्ली में भाजपा की सरकार बनेगी.”

प्रशांत किशोर

कोई पैसा नहीं दे रहा तो अपने लिए काम कर रहे प्रशांत 

इधर, जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर को लेकर भाजपा नेता हुसैन ने कहा कि वे तो इवेंट मैनेजमेंट कंपनी चलाते थे. पैसा लेकर पार्टी के लिए काम करते थे. अब कोई पैसा नहीं दे रहा तो अपने लिए काम कर रहे हैं. हाल ही में उनकी पार्टी चार सीटों पर उपचुनाव लड़ी थी, जिसमें दो क्षेत्र में उनकी जमानत जब्त हो गई. उनका गुब्बारा फूट गया. उन्होंने कहा कि अब वे छात्रों के कंधे पर चढ़कर राजनीति करने लगे. हम लोग भी विपक्ष में रहे हैं, अगर कहीं धरना देते हैं तो आदेश लेते थे. अब वे गांधी मैदान में टहलने गए और बैठ गए. वे बीपीएससी छात्रों के लिए नहीं, खुद की नौकरी के लिए भटक रहे हैं. 

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