मधुबनी/ झंझारपुर: भेजा गांव निवासी मो.शमशाद की आईएसआई गतिविधि में शामिल रहने के आरोप में गिरफ्तारी की खबर से एक बार फिर यह जिला सुर्खियों में आ गया है. इससे पूर्व भी बासोपट्टी से मो. कमाल नामक युवक को आतंकी गतिविधि में शामिल होने के आरोप में खुफिया विभाग गिरफ्तार कर चुकी है. भेजा सहित जिले भर में चर्चा का विषय बना हुआ है. शमशाद के पिता गांव में ही खेती करते हैं. जबकि मां व पिता दोनों गांव में ही एक जगह मौसमी फल की छोटी दुकान भी करते हैं.
शमशाद के पिता ऐनुल हक उर्फ छोटका बताता है कि बुधवार की रात ही उनको अमृतसर से फोन आया था कि उनके बेटे को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. किस आरोप में गिरफ्तार किया गया है यह जानकारी तो उन्हें नहीं दी गयी थी. पर अब लोगों के मुंह से सुन रहे है कि वह देश के विरोध में काम कर रहा था. शमशाद के पिता बताते हैं कि पुलिस सही से जांच पड़ताल कर ले. यदि उनका बेटा सही में गलत तरीके से काम करता था तो उसे कड़ी से कड़ी सजा दी जाये. पर यदि वह निर्दोष है तो उसे छोड़ दिया जाये.
वहीं शमशाद की मां के आंख से आंसू थम नहीं रहे. अपने बेटे की गिरफ्तारी व देश के विरोध में काम करने की बात उसे सही नहीं लग रही. बताती है कि बहुत ही गरीब हैं. किसी प्रकार खेती बारी कर छोटे से घर मे सब लोग रहते हैं. सही का कपड़ा व खाना तक नहीं मिलता. यह विश्वास ही नहीं हो रहा कि शमशाद गलत काम किया है.
शमशाद के पिता बताते हैं कि वह रमजान के आसपास गांव से गया है. मो. शमशाद दो भाइयों में छोटा है और गांव से लगभग डेढ़ महीने पहले वह अमृतसर गया ही था. वहां स्टेशन के बाहर ठेला लगाकर पानी और शिकंजी बेचा करता था. मो. शमशाद के पिता ऐनुल हक उर्फ छोटका तथा मां रोजीदा खातून ने बताया कि हम सपरिवार पंजाब के अमृतसर में रहा करते थे. जहां से दस वर्ष पहले गांव आ गए. उसके बाद शमशाद वहां का पानी व्यवसाय संभाल लिया. गर्मी के मौसम में पानी तथा ठंडा के मौसम में मूंगफली बेचा करता है.
शमशाद के माता – पिता फिलहाल गांव में ही भेजा हाट के निकट एक छोटा मुर्गा फॉर्म और सिजनल फल (तरबुज) की दुकान चलाते हैं. उनके माता-पिता ने बताया कि शमशाद गलत प्रवृत्ति का इंसान नहीं है. इधर शमशाद की पत्नी अफरोज बेगम ने बताया कि वर्ष 2018 में शमशाद के साथ उनकी शादी हुई. जिससे एक पुत्र और एक पुत्री है. उन्होंने बताया कि शमशाद मेहनत मजदूरी कर अपने परिवार का भरण पोषण करता है. शमशाद के पास गांव में पैतृक भूमि पर लगभग 6 धूर में पक्का का घर है. जिसका प्लास्टर नहीं किया गया है.
मो. शमशाद के गिरफ्तार होने की सूचना उनके मामा द्वारा फोन पर बुधवार रात भेजा स्थित परिजनों को दिया गया. जिसके बाद यह खबर क्षेत्र में फैल गई. सूचना मिलते ही गांव के लोगों का शमशाद के घर पर आना- जाना शुरू हो गया. गुरुवार अपराह्न तक शमशाद के घर पर कोई अधिकारी नहीं पहुंचे थे. हालांकि इस संबंध में एसपी सुशील कुमार ने बताया है कि कहीं से उन्हें आधिकारिक फोन या सूचना नहीं आयी है. पर मीडिया के माध्यम से ही जानकारी मिली है. संबंधित थाना को जानकारी जुटाने के लिये भेजा गया है.