Grah Gochar Live 2023: धनु-तुला व मिथुन को मिलेगी शनि दशा से मुक्ति, इन पर होगी ढै़य्या और साढ़ेसाती
Shani Rahu Ketu Guru Mangal Shukra Grah Gochar Live 2023: ज्योतिष शास्त्र में शनि ग्रह को विशेष दर्जा दिया गया है. शनिदेव को कर्मफल दाता और दंडाधिकारी कहा जाता है. नवग्रहों में शनि ग्रह को न्यायाधीश का दर्जा मिला हुआ है.17 जनवरी 2023 को शनि अपनी ही राशि कुंभ में 30 साल बाद गोचर करेंगे. शनि का कुंभ में प्रवेश कुछ राशि वालों को तगड़ा लाभ पहुंचायेगा. इनमें से कई जातकों को अब शनि की टेढ़ी नजर यानी कि साढ़े साती और ढैय्या से भी राहत मिलेगी. शनि 29 मार्च 2025 तक कुंभ राशि में रहेंगे. आइए जानते हैं कि किन जातकों के लिए ये ढाई साल शानदार रहेंगे.
मुख्य बातें
Shani Rahu Ketu Guru Mangal Shukra Grah Gochar Live 2023: ज्योतिष शास्त्र में शनि ग्रह को विशेष दर्जा दिया गया है. शनिदेव को कर्मफल दाता और दंडाधिकारी कहा जाता है. नवग्रहों में शनि ग्रह को न्यायाधीश का दर्जा मिला हुआ है.17 जनवरी 2023 को शनि अपनी ही राशि कुंभ में 30 साल बाद गोचर करेंगे. शनि का कुंभ में प्रवेश कुछ राशि वालों को तगड़ा लाभ पहुंचायेगा. इनमें से कई जातकों को अब शनि की टेढ़ी नजर यानी कि साढ़े साती और ढैय्या से भी राहत मिलेगी. शनि 29 मार्च 2025 तक कुंभ राशि में रहेंगे. आइए जानते हैं कि किन जातकों के लिए ये ढाई साल शानदार रहेंगे.
लाइव अपडेट
कुंभ राशि के लिए शनि गोचर रहेगा शुभ
17 जनवरी को शनि गोचर करके कुंभ राशि में ही प्रवेश करेंगे. शनि ग्रह कुंभ राशि के स्वामी हैं. शनिदेव इस राशि के जातकों को लाभ देंगे. कुंभ राशि वालों को नई नौकरी मिल सकती है. इसके साथ ही कोई बड़ी उपलिब्ध हासिल होने के योग बनेंगे. व्यापार में भी लाभ मिलेगा.
साल 2023 में शनि कब होंगे उदय और अस्त
शनि देव 30 जनवरी 2023 दिन सोमवार, माघ शुक्ल पक्ष की नवमी को पश्चिम दिशा में अस्त होंगे और 5 मार्च 2023 दिन रविवार फाल्गुन शुक्ल की त्रयोदशी को पूर्व दिशा से उदित होंगे. मंगलवार 22 अगस्त द्वितीय श्रावण शुक्ल की षष्ठी को शतभिषा नक्षत्र के प्रथम चरण में प्रवेश करेंगे.
साल 2023 में इन पर होगी ढै़य्या, साढ़ेसाती
17 जनवरी 2023 को कुंभ राशि में शनि गोचर करेंगे. शनि के गोचर के बाद मकर, कुंभ और मीन राशि पर साढ़ेसाती शुरू हो जाएगी. वहीं कर्क एवं वृश्चिक राशि वालों पर शनि ढै़य्या रहेगी. शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव मीन राशि वालों के सिर पर और कुंभ राशि वालों के हृदय पर तथा मकर राशि वालों के पैरों पर रहेगा.
मेष राशि
शनि देव मेष राशि में एकादश भाव में गोचर कर रहे हैं. शनि के इस गोचर से इस राशि के जातकों को धन संपत्ति से लेकर करियर में नई उड़ान भरेंगे. नौकरी पेशा लोगों को पदोन्नति मिल सकती है. इसके साथ ही बिजनेस में अपार सफलता मिलेगी. आय के नए स्तोत्र खुलेंगे.
राहु 30 अक्टूबर 2023 को करेंगे गोचर
ज्योतिष में राहु को छाया ग्रह के रूप जाना जाता है. यह प्रत्यक्ष नहीं होने पर भी जगत के जीवन को प्रभावित करता है. ज्योतिष में इनका महतवपूर्ण स्थान है. इनका मित्र ग्रह सूर्य, चन्द्र और मंगल है. अगर कुंडली में बुध बलवान हो तो राहु अशुभ फल नहीं देता है. 30 अक्टूबर 2023 दिन सोमवार को दोपहर 01 बजकर 33 मिनट परप कुम्भ राशि से निकल कर मीन राशि में गोचर करेंगे. इसका प्रभाव 30 अक्टूबर 2023 के बाद कई राशि के जातक पर देखने को मिलेगा.
कुंभ राशि वालों के लिए अब शुरू होगा शुभ दिन
शनि देव 17 जनवरी को गोचर करके कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे. शनि कुंभ राशि के स्वामी हैं, इसलिए कुंभ राशि के जातकों को लाभ देंगे. कुंभ राशि के जातक को नई नौकरी मिल सकती है. इसके साथ ही कोई बड़ी उपलिब्ध हासिल हो सकती है. वहीं शनि देव की कृपा से व्यापार में भी लाभ होगा.
इन राशियों को मिलेगी साढ़ेसाती व ढैय्या से मुक्ति
शनि के गोचर के साथ ही धनु राशि वालों को शनि की साढ़ेसाती से मुक्ति मिल जाएगी. वहीं तुला व मिथुन राशि वालों को शनि ढैय्या का प्रभाव खत्म हो जाएगा. शनि की दशा से मुक्ति मिलने के बाद इन राशि के जातकों का अच्छा दिन शुरू हो जाएगा.
शनि 29 मार्च 2025 तक कुंभ राशि में रहेंगे विराजमान
17 जनवरी 2023 दिन मंगलवार की रात 08 बजकर 02 मिनट पर शनिदेव मकर राशि से निकलकर कुम्भ राशि में प्रवेश करेंगे. शनि 29 मार्च 2025 तक कुंभ राशि में रहेंगे.
कुंभ राशि में गोचर करेंगे शनिदेव
शनिदेव को एक ही राशि में दोबारा पहुंचने में 30 साल का समय लग जाता है. शनिदेव 17 जनवरी 2023 को कुंभ राशि में गोचर करेंगे. जिसके बाद शनि की साढ़े साती और ढैय्या से कई राशि वालों को राहत मिलेगी. शनि 29 मार्च 2025 तक कुंभ राशि में रहेंगे.
शनि ग्रह मकर और कुंभ राशि के स्वामी है
शनि ग्रह मकर और कुंभ राशि के स्वामी है. ज्योतिष गणना के अनुसार, इस समय शनि मकर राशि में गोचर कर रहे हैं. कुंडली में शनि जिस घर में बैठते है उस घर को ठीक रखते है तथा जिस घर को देखते है उनको तकलीफ देते है. इसलिए शनि के महादशा तथा अंतर्दशा में अपने कर्म को ठीक रखना जरूरी होता है.