बिहार में शराब पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है. शराबबंदी के बावजूद चोरी-छिपे शराब का धंधा करने वाले और शराब का सेवन करने वाले अपनी आदत से बाज नहीं आ रहे. आए दिन शराब के साथ पकड़े जाने पर गिरफ्तारी की जा रही है. वहीं राजधानी पटना में शनिवार को कुछ ऐसा हुआ जिसकी खबर जंगल में आग की तरह फैली. गर्दनीबाग थाने के समीप स्थित पटना सिविल सर्जन कार्यालय के स्टाफ रूम में स्वास्थ्यकर्मियों के द्वारा जाम से जाम टकराया जा रहा था. इसकी सूचना पुलिस को मिल गयी और रात में पुलिस ने कमरे में धावा बोल दिया.
सिविल सर्जन कार्यालय के स्टाफ रूम में शराब पार्टी का खुलासा उस समय हुआ जब गर्दनीबाग थाने की पुलिस ने शनिवार की रात नौ बजे कार्यालय में छापेमारी की. पुलिस को अचानक सामने देखते ही शराब पार्टी कर रहे कर्मियों में भगदड़ मच गयी. आनन-फानन में सभी भागने लगे और चार-पांच कर्मी तो कार्यालय की बाउंड्री फांद कर फरार हो गये. लेकिन दो लोगों को पुलिस ने भागने के क्रम में पकड़ लिया. जिसमें एक के शराब के नशे में होने की पुष्टि हुई. हालांकि शराब की बोतल या ग्लास बरामद नहीं की गयी है.
पुलिस ने स्वास्थ्य कर्मी काैशलेंद्र व उपेंद्र को थाना पर लाया और ब्रेथ एनलाइजर से जांच की तो काैशलेंद्र के शराब पीने की पुष्टि हो गयी. जबकि उपेंद्र शराब के नशे में नहीं था. पुलिस उसे पीआर बांड भरवा कर छोड़ देगी. गर्दनीबाग थानाध्यक्ष रंजीत कुमार रजक ने बताया कि उपेंद्र को छोड़ दिया जायेगा. शराब की बोतल या ग्लास नहीं मिली है.
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इस पूरे मामले पर सिविल सर्जन डॉ श्रवण कुमार का कहना है कि उन्हें घटना के संबंध में जानकारी नहीं है. पुलिस ने भी उनसे संपर्क नहीं किया है. बताया जाता है कि पुलिस को यह सूचना मिली कि सिविल सर्जन कार्यालय के स्टाफ रूम में शराब पार्टी चल रही है. इस सूचना के बाद गर्दनीबाग थानाध्यक्ष रंजीत कुमार रजक के नेतृत्व में पुलिस टीम पहुंची तो हड़कंप मच गया.