शरद यादव अब लालू प्रसाद की पनाह में, अपनी पार्टी का कराया राजद में विलय, जानिये क्या बताया कारण

शरद यादव ने कहा है कि बीजेपी को हराना बेहद मुश्किल भरा काम है. विपक्षी दल के नेताओं को बड़ा मैसेज भेज दिया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 20, 2022 1:39 PM

पटना. वरिष्ठ समाजवादी नेता शरद यादव की लोकतांत्रिक जनता दल का राजद में विलय हो रहा है. दिल्ली में शरद यादव अपनी पार्टी का विलय लालू प्रसाद की पार्टी राजद में कर रहे हैं. इससे ठीक पहले उन्होंने विपक्षी दल के नेताओं को बड़ा मैसेज भेज दिया है. शरद यादव ने कहा है कि बीजेपी को हराना बेहद मुश्किल भरा काम है. विपक्षी दल के नेताओं को बड़ा मैसेज भेज दिया है.

विलय व्यापक एकता के लिए पहला कदम

शरद ने कहा है कि ये विलय व्यापक एकता के लिए पहला कदम है. इसमें हमने अपनी पहल कर दी है, पूरे देश के विपक्ष के एक होने के बाद ही (बीजेपी को) हरा सकते हैं. बिहार का आने वाला भविष्य तेजस्वी यादव है. शरद यादव ने कहा है कि भाजपा को हराना बेहद मुश्किल भरा काम है, लेकिन केवल विपक्षी एकजुटता से ही यह काम पूरा किया जा सकता है.

तेजस्वी यादव के अंदर नेतृत्व क्षमता

दिल्ली में पत्रकारों से बात करते हुए शरद यादव ने आज एक बार फिर कहा कि तेजस्वी यादव के अंदर नेतृत्व की पूरी क्षमता है. शरद ने कहा कि उन्होंने दलीय बंधन से ऊपर उठकर अगर राष्ट्रीय जनता दल में अपनी पार्टी का विलय करने के लिए फैसला किया है, तो इसके पीछे केवल एक मकसद है कि विपक्ष मजबूत हो. शरद यादव ने कहा कि विपक्षी एकजुटता से ही भारतीय जनता पार्टी का मुकाबला किया जा सकता है.

विपक्ष को करेंगे एकजुट 

राष्ट्रीय स्तर पर विपक्ष का नेतृत्व किसके पास होगा, इसको लेकर सवाल किये जाने पर शरद यादव ने कहा कि यह सब कुछ बाद में तय हो जाएगा, लेकिन पहले जरूरत इस बात की है कि विपक्षी भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ एकजुट हो. हमने पहले भी राष्ट्रीय स्तर पर नेतृत्व को चुना है और हम एक बार फिर से यह काम कर सकते हैं.

मधेपुरा में लालू को हराया था चुनाव

मध्य प्रदेश के रहनेवाले शरद की राजनीतिक जमीन बिहार ही रही है. वो लालू और नीतीश दोनों के साथ रहे हैं. एक समय में उन्होंने मधेपुरा से लालू प्रसाद को चुनाव हरा कर पूरे देश में सनसनी फैला दी थी. शरद यादव के जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहते महागठबंधन में शामिल होने का फैसला कर लिया, लेकिन जब नीतीश 2017 में वापस भाजपा में आये तो शरद के रिश्ते नीतीश कुमार से बिगड़ गये और उनकी जदयू से विदाई हो गयी. तब से शरद यादव वनवास को भोग रहे थे. लिहाजा नये ठौर और पद की तलाश में खुद की बनायी और पार्टी का विलय आज राजद में कर दिया है.

बंगला बचाने के लिए राजद से सीट की आस

सियासी गलियारे के सूत्र बता रहे रहे हैं कि शरद यादव को लालू राज्यसभा पहुंचा सकते हैं. दरअसल बिहार में इसी जुलाई में राज्यसभा की पांच सीटें खाली होंगी. इनमें दो सीटें भाजपा की और एक सीट जदयूयू के पास जाएगी, जबकि बाकी दो सीटें दो सीटें राजद के पास आएंगी. ऐसे में माना जा रहा है कि शरद यादव को राजद राज्यसभा भेज सकती है.

शरद से मिले थे लालू 

इससे पहले पिछले साल के अगस्त में लालू यादव ने नई दिल्ली में शरद यादव से मुलाकात की थी, जिसके बाद कई तरह की अटकलें लगाई जा रही थीं. हालांकि मीडिया से बात करने के दौरान लालू ने कहा था कि उन्होंने कहा था कि, शरद यादव का स्वास्थ्य ठीक नहीं रहने और उनके सांसद न रहने से अब संसद सूनी हो गई है.

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