Durga Puja: मां दुर्गा की मूर्ति को फाइनल टच देने लगे मूर्तिकार, अबकी खास स्वरूप दिखाएंगे बंगाल के कारीगर
Durga Puja 2022: मां दुर्गा की प्रतिमा गढ़ने के लिए शहर में पश्चिम बंगाल व झारखंड आदि दूसरे प्रांतों के मूर्तिकार यहां दो माह पहले से ही रह रहे हैं. अबकी बार पश्चिम बंगाल के कारिगर खास स्वरूप दिखाएंगे. मां दुर्गा की मूर्ति को फाइनल टच देने में मूर्तिकार जुट गये है.
Durga Puja 2022: शारदीय नवरात्रि शुरू होने में मात्र कुछ ही दिन शेष बचा हुआ है. शहर में दुर्गा पूजा को लेकर तैयारी अंतिम चरण में है. शारदीय नवरात्रि 2022 26 सितंबर दिन सोमवार से शुरू हो रहा है. पूजा आयोजन समिति द्वारा भव्य पंडाल का निर्माण कराया जा रहा है. इसके साथ ही मां दुर्गा की प्रतिमा गढ़ने के लिए शहर में पश्चिम बंगाल व झारखंड आदि दूसरे प्रांतों के मूर्तिकार यहां दो माह पहले से ही रह रहे हैं. चैलीटाड़, मच्छहरट्टा गली स्थित मैदान, बेलबरगंज, हमाम, लोहा का पुल, चौकशिकारपुर समेत करीब पांच दर्जन स्थानों पर सामूहिक रूप से प्रतिमाओं का निर्माण होता है.
2500 से 40 हजार तक की है प्रतिमा
प्रतिमा निर्माण में जुटे रविंद्र पंडित बताते हैं कि वे 2500 रुपये से लेकर 40 हजार रुपये तक की प्रतिमा बना रहे हैं. पूजा आयोजकों की ओर से मिले ऑर्डर पर प्रतिमा का निर्माण किया गया है. कोरोना की वजह से दो वर्षों तक कारोबार ठप पड़ गया था. इस साल दो लाख तक का कारोबार करेंगे. बीते वर्ष की तुलना में बेहतर होगा.
आठ लाख तक का होगा कारोबार
पश्चिम बंगाल के नदिया जिला के कृष्णा नगर निवासी मूर्तिकार बबलू पाल बताते हैं कि प्रतिमा निर्माण से वे इस बार आठ लाख का व्यवसाय करेंगे. वर्ष 1975 से यहां चैलीटाड़ मनोरंजन पूजा समिति, नया गांव पूजा समिति, खजूरबन्ना समेत डेढ़ दर्जन से अधिक जगहों पर प्रतिमा गढ़ने का कार्य दो माह पहले से करते हैं. वे हर वर्ष यहां 10 लोगों के साथ आकर मूर्ति बनाते हैं.
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प्रतिमा निर्माण से आयेंगे दो लाख रुपये
नदिया जिला से आये मूर्तिकार संजीत पाल बताते हैं कि प्रतिमा निर्माण से दो लाख तक का कारोबार होगा. दादा स्वर्गीय शैलेंद्र पाल से प्रतिमा गढ़ने की प्रेरणा मिली थी. पिता बबलू पाल के साथ यहां प्रतिमा निर्माण करने के लिए आते हैं. प्रतिमा को एक सप्ताह में अंतिम रूप दे दिया जायेगा. वे 10 वर्षों से यहां आ रहे हैं.
10 लाख तक का होगा व्यवसाय
पटना टेंट डेकोरेटर के विजय केसरी बताते है कि कोरोना काल के संक्रमण से मुक्त होने के बाद इस दफा दुर्गापूजा में पंडाल बनाने का कार्य आरंभ होने से रोजगार मिला है. वो बताते है कि पटना सिटी और पटना में पंडाल बनाने का कार्य कराया जा रहा है. 10 लाख तक का कारोबार होगा.
चार लाख रुपये का मिला ऑर्डर
मां शीतला टेंट व पंडाल डेकोरेटर के जयप्रकाश बताते हैं कि पंडाल निर्माण में चार लाख तक का ऑर्डर मिला है. दुर्गापूजा में इस दफा बेहतर की उम्मीद है. हालांकि कोई नया ऑडर नहीं मिला है. जहां वर्षों से पूजापंडाल को डेकोरेट करते आ रहे हैं, वहां पर कार्य कराया जा रहा है.