बिहार ने शिक्षा के क्षेत्र में लहराया परचम, देश के टॉप पांच जिलों में शेखपुरा पहले और पूर्णिया दूसरे स्थान पर
केंद्र सरकार देश के आकांक्षी जिलों में स्वास्थ्य, पोषण, शिक्षा व वित्तीय स्थिति और आधारभूत अवसंरचना जैसे प्रमुख क्षेत्रों को विकसित करने पर विशेष राशि देती है. नीति आयोग द्वारा जारी आकांक्षी जिलों की डेल्टा रेटिंग में शिक्षा सेगमेंट के टाॅप पांच जिलों में शेखपुरा पहले और पूर्णिया दूसरे स्थान पर रहा.
बिहार ने शिक्षा के क्षेत्र में एक बार फिर से अपना परचम लहराया है. दरअसल शिक्षा के क्षेत्र में देश के टॉप पांच आकांक्षी जिलों की लिस्ट में बिहार और झारखंड के जिलों के नाम रहे हैं. इस लिस्ट में टॉप पांच में प्रदेश के दो जिले शीर्ष पर काबिज हैं. टॉप पांच जिलों में शेखपुरा पहले स्थान पर और पूर्णिया दूसरे स्थान पर, जबकि पड़ोसी राज्य झारखंड के गिरीडीह, बोकारो और पूर्वी सिंहभूम क्रमश: तीसरे, चौथे और पांचवें नंबर पर रहे.
ओवर ऑल सेगमेंट में बिहार का एक भी जिला नहीं
नीति आयोग द्वारा जारी की जाने वाली आकांक्षी जिलों की डेल्टा रेटिंग के शिक्षा सेगमेंट में मुख्य रूप से पढ़ाई, लाइब्रेरी, स्कूलों की संरचना, छात्रों के लिए उपलब्ध सुविधा आदि पर ध्यान दिया जाता है. शिक्षा क्षेत्र में स्कूलों में उपलब्ध पेयजल और टॉइलेट की सुविधा पर भी ध्यान दिया जाता है. हालांकि, नीति आयोग द्वारा फरवरी-2023 की जारी चैंपियन ऑफ चेंज की डेल्टा रैंकिंग के ओवर ऑल सेगमेंट में बिहार का एक भी जिला नहीं है.
आकांक्षी जिला कार्यक्रम में बिहार के 13 जिले
वहीं, स्वास्थ्य और पोषण के टॉप पांच जिलों में झारखंड के साहिबगंज-पहले और बोकारो-दूसरे स्थान पर है. देश के अल्पविकसित 112 जिलों में वर्ष 2018 से चल रहे आकांक्षी जिला कार्यक्रम में बिहार के 13 जिले हैं. इन जिलों के बीच बेहतर काम हो इसके लिए प्रति महीना इन जिलों के विकास के निर्धारित पैमाने पर रैंकिंग की जाती है.
कार्यक्रम के तहत विकास के लिए केंद्र देती है विशेष राशि
केंद्र सरकार इन जिलों में स्वास्थ्य, पोषण, शिक्षा व वित्तीय स्थिति और आधारभूत अवसंरचना जैसे प्रमुख क्षेत्रों को विकसित करने पर विशेष राशि देती है. शिक्षा क्षेत्र के लिए मुख्य रूप से स्कूल में पढ़ाई और लाइब्रेरी की सुविधा, स्कूलों में आधारभूत संरचना, जिसमें टॉयलेट व पेयजल पर ध्यान दिया जाता है.