भागलपुर. निराश्रित एवं बेसहारा बच्चों को आश्रय देने के लिए आश्रय गृह बनाने का प्रस्ताव तैयार किया है और इस प्रस्ताव को राज्य सरकार की सहमति मिल चुकी है. आश्रय भवन निर्माण की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गयी है.
जी प्लस टू वाले कई बिल्डिंगों का आश्रय गृह निर्माण पर 26.03 करोड़ खर्च आयेगा. 200 बेड क्षमता वाली आश्रय गृह के निर्माण के लिए डेढ़ साल का समय निर्धारित किया है. इसका निर्माण टेंडर के माध्यम से होगा. आश्रय गृह का निर्माण भवन निर्माण निगम लिमिटेड करायेगा और टेंडर निकाल दिया गया है.
आश्रय गृह निर्माण के लिए सूबे में पांच जिले चिह्नित हुए हैं. इनमें भागलपुर भी शामिल है. बाकी के जिलों में पश्चिमी चंपारण, कैमूर, औरंगाबाद व नवादा है.
आश्रय गृह निर्माण कराने के लिए बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने डिजाइन तैयार कर लिया है. वहीं जगह भी चिह्नित कर लिया है. आश्रयगृह का निर्माण अलीगंज के महेशपुर में बनेगा. यानी बागबाड़ी बाजार समिति की चहारदीवारी से सट कर निर्माण होगा.
विधि विवादित, निराश्रित, बेसहारा, गुमशुदा, भीख मांगने वाले, सड़क पर निवास करने वाले, सड़क पर कचरा बीनने वाले एवं देखरेख एवं संरक्षण के जरूरतमंद बच्चों यानी विशेष रूप से कठिन परिस्थितियों में रहने वाले बच्चों को आश्रय मिलेगा.
आश्रय गृह निर्माण के लिए टेक्निकल बिड का टेंडर 10 मई को खुलेगा. इसमें सफल ठेका एजेंसियों का फाइनेंसियल बिड खोला जायेगा. टेंडर कागजात डाउनलोड करने की अवधि 15 अप्रैल से 7 मई तक है.
Posted by Ashish Jha