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पेंशन के इंतजार में गुजर गयी ईद व बकरीद, नहीं मिली राशि

पुपरी : प्रखंड क्षेत्र क्षेत्र में विभिन्न सरकारी पेंशन योजनाओं का बुरा हाल है. कई ऐसे लोग हैं जो सब तरह से लाभ की आहर्ता पूरी रखते हैं, पर कर्मी व अधिकारियों द्वारा बिना वजह बताये उसे रिजेक्टर कर दिया जाता है. वहीं, कई अभ्यर्थियों का कहना है कि संबंधित अधिकारियों व व कर्मियों को […]

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पुपरी : प्रखंड क्षेत्र क्षेत्र में विभिन्न सरकारी पेंशन योजनाओं का बुरा हाल है. कई ऐसे लोग हैं जो सब तरह से लाभ की आहर्ता पूरी रखते हैं, पर कर्मी व अधिकारियों द्वारा बिना वजह बताये उसे रिजेक्टर कर दिया जाता है. वहीं, कई अभ्यर्थियों का कहना है कि संबंधित अधिकारियों व व कर्मियों को अवैध रूप से उवके अनुसार पैसा दे देने पर किसी प्रकार की जांच की जरूरत नहीं होती है. कोई कागज कम रहने पर फोन करके बला कर कागज लेकर आवेदन में लगा दिया जाता है.

ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि गरीबों को उसका हक कैसे मिलेगा. इस संबंध में स्थानीय पुपरी पंचायत के वार्ड तीन निवासी स्व राजा खान की पत्नी तहीला खातून (90) व स्व मो सुभान की विधवा जमीला खातून समेत अन्य ने बताया कि करीब एक साल से उन्हें वृद्धा अवस्था पेंशन नहीं मिल पाया है. कहा, उन्हें पूरा विश्वास था कि ईद के समय तक जरूर पैसा मिल जायेगा, पर ऐसा कुछ नहीं हो सका. ईद के बाद उम्मीद जगी कि बकरीद तक भुगतान जरूर हो जायेगा, पर वह भी बीत गया. इधर, बाढ़ ने लोगों की कमर तोड़ दी है. ऐसे में क्या करें, कहां जाये कुछ समझ में नहीं आ रहा है. तहिला और जमीला अपने दर्द बयां करते हुए बताया कि कम आय व परिवार के सदस्यों की संख्या अधिक होने के चलते खुद परेशान रहता है. ऐसे में सरकार से पेंशन के रूप में जो कुछ मिल जाता था उससे बड़ी राहत मिलती थी, पर लंबे समय से पैसा नहीं मलने के चलते परेशानी काफी बढ़ गयी है. दवा खरीने के लिए भी किसी के सामने हाथ फैलाना पड़ता है. बताया यह तकलीफ सिर्फ उनकी नहीं है. प्रखंड के सैकड़ों ऐसे वृद्ध हैं जिनके साथ यह परेशानी बनी हुई है.

बुधवार को पेंशन का पता लगाने प्रखंड कार्यालय पहुंचे पुपरी के अलावे, गाढ़ा, आवापुर उत्तरी, दक्षिणी, बौरा-बाजिदपुर व भिट्ठा धरमपुर समेत अन्य सभी 13 पंचायत के वृद्धाओं का यही हाल है. भिट्ठा धर्मपुर पंचायत के पंसस अरविंद चौधरी ने बताया कि 200 से अधिक लोग पेंशन के इंतज़ार में अक्सर प्रखंड कार्यालय का चक्कर लगाते दिखते हैं.

खाते में नहीं आया 100 से अधिक : बताया कि ऐसे भी खाताधारी हैं जो नोटबंदी के समय अपना खाता खुलावा, पर उनके खाता में 100 से अधिक नहीं आ सका. पुन: दूसरा खाता खुलवाया गया, उसमें भी पैसे नहीं आ सके. बाद में पदाधिकारियों से जानकारी मांगी गयी, पर कोई सही जवाब देने को तैयार नहीं है. कई ऐसे भी खाताधारी हैं, जिनका खाता नोट बंदी के समय बंद कर दिया, तब से अब तक उनके खाता में एक रूपये का ट्रांजेक्शन नहीं हो पा रहा है. कई लोगों ने कंप्यूटर में गलत खाता नंबर इंट्री होने की बात कही, कारण चाहे जो हो जनता परेशान है. इस बाबत सीओ सह प्रभारी बीडीओ लवकेश कुमार बताते हैं कि पैसा भेजने का काम ज़िला से होता है, यहां से सिर्फ सूची जाती है.

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