शिक्षक का अभाव, बाहर कोचिंग करने जाती हैं बालिका छात्रावास की छात्राएं
बोखड़ा प्रखंड के उच्च विद्यालय स्तरीय बालिका छात्रावास का है यह हाल मैट्रिक परीक्षा की तैयारी को लेकर छात्राएं पढ़ने जाती हैं बाहर : वार्डेन छात्रावास में मात्र हिंदी विषय के हैं शिक्षक, बिछावन व कंबल का अभाव बोखड़ा : प्रखंड में उच्च विद्यालय स्तरीय बालिका छात्रावास खोल दिये गये हैं, पर संसाधन के साथ- […]
बोखड़ा प्रखंड के उच्च विद्यालय स्तरीय बालिका छात्रावास का है यह हाल
मैट्रिक परीक्षा की तैयारी को लेकर छात्राएं पढ़ने जाती हैं बाहर : वार्डेन
छात्रावास में मात्र हिंदी विषय के हैं शिक्षक, बिछावन व कंबल का अभाव
बोखड़ा : प्रखंड में उच्च विद्यालय स्तरीय बालिका छात्रावास खोल दिये गये हैं, पर संसाधन के साथ- साथ शिक्षकों की कमी को लेकर छात्राओं को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. शिक्षकों के अभाव के चलते छात्राओं को पढ़ाई के लिए छात्रावास से बाहर निजी कोचिंग सेंटर में जाना मजबूरी बनी हुई है. स्थानीय लोगों की सूचना पर प्रभात खबर ने शुक्रवार को जब छात्रावास का जायजा लेने के क्रम में वार्डेन नीलम कुमारी ने बताया कि छात्रावास में मात्र एक शिक्षक रहते हैं जो हिंदी पढ़ाते हैं.
मैट्रिक की परीक्षा नजदीक होने के चलते अन्य विषयों की पढ़ाई के लिए छात्राएं बाहर जाती है. जिला से भोजन का कोई मीनू नहीं मिला हुआ है. वह खुद मेनू तैयार का भोजन बनवाती है. बच्चों की खेलकूद के लिए कैंपस में मिट्टीकरण समेत अन्य कई समस्याएं हैं, जिससे वरीय अधिकारी अवगत हैं, पर निदान नहीं हो रही है. वहीं, दशम की छात्रा रीना कुमारी व लक्ष्मी कुमारी ने बताया कि छात्रावास में न बिछावन मिला है न ओढ़ने के लिए कंबल है. उस दोनों का घर दूर है, इसको लेकर उसे काफी परेशानी हो रही है.
अधिकारी बोले
इस बाबत जिला कार्यक्रम समन्वयक साक्षर भारत (आरएमएसए) नागेंद्र कुमार ने बताया कि बिछावन व कंबल का आवंटन उपलब्ध है. शीघ्र खरीदारी कर उपलब्ध कराया जायेगा. अन्य सभी समस्याओं के समाधान की दिशा में प्रयास जारी है. जल्द ही भोजन का मेनू भी उपलब्ध करा दिया जायेगा.