घाटों पर गंदगी आज तक बरकरार, नहीं हो रही सफाई

शिवहर : छठ महापर्व नजदीक आते ही शहर के विभिन्न वार्डाें में सड़क व पोखर आदि की साफ-सफाई करने के लिए नगर पंचायत ने पूरी तरह कमर कस ली है. छठ पूजा करने वाले छठ व्रतियों को किसी भी प्रकार की असुविधा नहीं होने दी जाएगी. इसके लिए छठ व्रतियों को पोखर तक जाने व […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 31, 2019 12:29 AM

शिवहर : छठ महापर्व नजदीक आते ही शहर के विभिन्न वार्डाें में सड़क व पोखर आदि की साफ-सफाई करने के लिए नगर पंचायत ने पूरी तरह कमर कस ली है.

छठ पूजा करने वाले छठ व्रतियों को किसी भी प्रकार की असुविधा नहीं होने दी जाएगी. इसके लिए छठ व्रतियों को पोखर तक जाने व पोखर में उतर कर अर्घ्य देने के लिए अस्थायी सीढ़ियों का निर्माण व घाटों की स्वच्छता पूर्ण साफ-सफाई को लेकर नगर पंचायत की कर्मी जुटे हैं. किंतु आज भी कई घाटों पर गंदगी कायम है.
रानी पोखर व पुराना डीएम आवास पोखर के पास गंदगी आज भी कायम है. नगर पंचायत के अध्यक्ष अंशुमान नन्दन सिंह ने कहा कि इस बार सभी छठ घाटों व सड़कें चकाचक रहेगी. इसके लिए नगर प्रशासन काफी सख्त है. साथ ही नपं कर्मी अभी से ही पोखर के साफ-सफाई में जुट गए हैं.
उन्होंने कहा कि नगर के रानी पोखर, पछियारी पोखरा, पुराना डीएम आवास स्थित पोखर, चुगड़ा पोखर, गौड़ी शंकर मंदिर स्थित पोखर, रसीदपुर महादलित टोला स्थित पोखर तथा वार्ड नंबर एक के सभी तालाबों में कीटनाशक पाउडर का छिड़काव, घाटों की सफाई व लाइटिंग की पर्याप्त व्यवस्था की जा रही है. जिससे पानी स्वच्छ हो सके. छठ व्रती तालाब में उतर कर भगवान भाष्कर को प्रथम व दूसरे दिन भी सूर्य को अर्घ्य दें सकें.
पोखर में जमा जलकुंभी, छठ व्रतियों को परेशानी : रीगा. स्थानीय रीगा प्रथम पंचायत अंतर्गत इमली बाजार के वार्ड नंबर दो व तीन के लोगों का कहना है कि करीब 300 परिवार इस बार पुराने पोखर पर छठ व्रत नहीं कर पायेंगे. कारण कि पोखर में जमा जलकुंभी को निकालने में लाखों रुपये खर्च होने की संभावना है. जलकुंभी इतना अधिक है कि आपसी सहयोग से इसे हटाना मुमकिन नहीं है.
इधर, मुखिया सुनीता देवी मुखिया व उनके प्रतिनिधि बिंदेश्वर पासवान ने बताया कि पंचायत के पास इस मद में खर्च करने के लिए कोई फंड नहीं है.
दो एकड़ में फैले इस पोखर पर सैकड़ों परिवार के लोग छठ व्रत मनाते हैं, पर इस बार लगता है लोगों को अन्यत्र छठ व्रत मनाना पड़ेगा. वहीं, ग्रामीण अनिल कुमार, आशुतोष कुमार व शिवनाथ कुमार समेत अन्य ने लगता है इस बार व्रतियों को अपने- अपने दरवाजे पर कृत्रिम तालब का निर्माण करा कर छठ व्रत मनाना पड़ेगा.

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