शिवहरः जनवितरण प्रणाली की व्यवस्था में सुधार लाने की कोशिश चलती रहती है. इसके पीछे सरकार व प्रशासन का एक ही मकसद होता है कि गरीबों का निवाला डीलर न डकार सके. लेकिन अनुमंडलाधिकारी वारिस खान के स्तर से डीलरों के खिलाफ की गयी कार्रवाई से यह स्पष्ट हो गया है कि आपूर्ति मे सब कुछ ठीक-ठाक नहीं हैं.
जिले में कुल 252 जन वितरण प्रणाली की दुकानें है. सितंबर 12 से अब तक 150 डीलरों से गड़बड़ी की बाबत स्पष्टीकरण पूछा जा चुका है तो गड़बड़ी में पकड़े गये 19 डीलरों का लाइसेंस रद्द कर दिया गया है. इन डीलरों पर किसी-किसी माह खाद्यान्न का उठाव कर वितरण नहीं करने, निर्धारित मात्र से कम देने, निर्धारित से अधिक पैसे की वसूली करने एवं केरोसिन की कीमत निर्धारित दर से अधिक लेने समेत अन्य कई आरोप थे. आरोपों को प्रशासन ने गंभीरता से लिया और उक्त कार्रवाई की.
लोगों का कहना हैं कि शिवहर 18 अप्रैल 83 को अनुमंडल बना. रवींद्र नाथ झा यहां के प्रथम एसडीओ बने थे. उसके बाद से अब तक 29 एसडीओ अनुमंडल का कमान संभाले, किंतु डीलरों के खिलाफ इतनी बड़ी कार्रवाई पहली बार हुई है. उक्त कार्रवाई से डीलरों से हड़कंप है.
एसडीओ ने बताया कि 9 माह के अंदर विभिन्न पेंशन योजनाओं से जिले के 4600 लोगों को लाभान्वित कराया गया है. हाल में राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना के तहत 230 लाभुकों के आवेदनों की जांच करा स्वीकृति प्रदान की गयी है, जिसमें डुमरी-कटसरी प्रखंड के 65, शिवहर के 71, पुरनहिया के 11 व तरियानी प्रखंड के 54 लाभुक शामिल है.
एसडीओ ने बताया कि राशि जमा करने के बावजूद डीलरों को एसएफसी गोदाम में कभी चावल तो कभी गेहूं नहीं मिल पाता है. इस कारण भी परेशानी उत्पन्न होती है.