शिवहर : जिला स्थापना के 20 वर्षो के बाद भी जिले में रेल लाइन की सुविधा नहीं मिल सकी है. वहीं बिहार राज्य परिवहन निगम की बसें भी सड़क पर नहीं दौड़ पायी है.
इस बीच कई लोग संसद व विधानसभा तक का सफर तय किये, लेकिन शिवहर वासियों को अपने घर से रेल पर सफर करने का सपना आज तक पूरा नहीं हो सका है. इससे जिलावासी में क्षोभ है. रतनपुर निवासी सुनील कुमार सिंह का कहना है कि जनप्रतिनिधियों के उपेक्षा के कारण जिला अभी तक रेल की सुविधा से नहीं जुड़ सका है. इधर, फुलकाहां निवासी मगफुर आलम व महबूब आलम का कहना है कि चुनाव के दौरान नेता लोग सब्जबाग दिखा कर वोट लेकर जीत दर्ज कर लेते है.
उसके बाद कुंभकर्णी निंद्रा में सो जाते है. उल्लेखनीय है कि जिलें में मोतिहारी से शिवहर-सीतामढ़ी तक 76.3 किलोमीटर में रेलवे लाइन निर्माण की स्वीकृत है, जिसकी स्वीकृति लागत 872 करोड़ है, किंतु स्थानीय प्रतिनिधि व केंद्र सरकार की उदासीनता के कारण इसका निर्माण अभी तक प्रारंभ नहीं हो सका है. करीब आठ वर्ष, पूर्व रेल लाइन बनाने की योजना को स्वीकृति मिली, जो आज तक लंबित है.
शिवहर से सीतामढ़ी के लिए छह-सात वर्ष पहले परिवहन निगम की बसें करीब एक माह चली उसके बाद बंद हो गयी. शिवहर, देवापुर मिसिंग लिंक रोड को भी जोड़ने की योजना भी खटाई में पड़ा है. स्टेट हाइवे 54 ठाका से शिवहर को जोड़ने वाली साढ़े तीन किलोमीटर लिंक रोड का निर्माण नहीं शुरू हो सका है.