दवा के अभाव में होती है कठिनाई

शिवहर : जिले में सात प्रथम श्रेणी पशु चिकित्सालय है, जबकि मात्र एक भ्रमणशील चिकित्सक है. इन्हीं के ऊपर सभी चिकित्सालय का भार है. वे जैसे-तैसे काम करने को विवश हैं. यानी किसी भी चिकित्सालय में पूरा समय नहीं दे पाते हैं. जिला कार्यालय में ताला पशु चिकित्सालयों के हालात को नजदीक से जानने के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 30, 2014 8:24 AM
शिवहर : जिले में सात प्रथम श्रेणी पशु चिकित्सालय है, जबकि मात्र एक भ्रमणशील चिकित्सक है. इन्हीं के ऊपर सभी चिकित्सालय का भार है. वे जैसे-तैसे काम करने को विवश हैं. यानी किसी भी चिकित्सालय में पूरा समय नहीं दे पाते हैं.
जिला कार्यालय में ताला
पशु चिकित्सालयों के हालात को नजदीक से जानने के लिए प्रभात खबर की टीम सोमवार को करीब एक बजे जिला पशु चिकित्सालय पहुंची. जिला पशुपालन पदाधिकारी के कार्यालय में ताला लटका पाया. बताया गया कि जिला पशुपालन पदाधिकारी नीलम कुमारी पांच दिसंबर से हीं कार्यालय नहीं आ रही है. वह 10 दिन की छुट्टी पर गयी थी जो अब तक नहीं लौटी है. कई कर्मी भी कार्यालय से नदारद मिले. भ्रमणशील पशु चिकित्सक डा रामप्रवेश कुमार ने बताया कि शायद अस्वस्थ रहने के चलते पशुपालन पदाधिकारी नहीं आ रही हैं.
नवंबर का वेतन लंबित
कार्यालय परिचारी रामचंद्र पासवान ने बताया कि जिला पशुपालन पदाधिकारी के नहीं रहने के चलते नवंबर का वेतन लंबित है. दिसंबर का वेतन भी शीघ्र मिलने की कम संभावना दिख रही है. नया साल मनाने के लिए पैसा कर्ज पर हीं लेना पड़ेगा. इधर, नरवारा, तरियानी छपरा, पिपराही, पुरनहिया, लालगढ़ व नया गांव में प्रथम श्रेणी चिकित्सालय चिकित्सक के अभाव में नकारा बना हुए है. हालांकि शिवहर में एक भ्रमणशील पशु चिकित्सक व एक कर्मी तो पिपराही में दो कर्मी किसी तरह व्यवस्था को खींच रहे हैं.

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