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आलू के लिए नुकसानदेह साबित हो रही बारिश

शिवहर : दो दिनों के धूप के बाद बूंदा-बांदी के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. वही ठंड में एक बार फिर से बढ़ोतरी देखी जा रही है. वर्षा के कारण शहर में चहल-पहल कम देखा गयी. कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ एस के ठाकुर का कहना है कि वर्षा केवल आलू के लिए […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 3, 2015 11:26 AM
शिवहर : दो दिनों के धूप के बाद बूंदा-बांदी के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. वही ठंड में एक बार फिर से बढ़ोतरी देखी जा रही है. वर्षा के कारण शहर में चहल-पहल कम देखा गयी. कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ एस के ठाकुर का कहना है कि वर्षा केवल आलू के लिए नुकसानदेह है. शेष रबी फसलों के लिए लाभदायक है.
उन्होंने बताया कि आलू की खेतों में नुकासान से बचने के लिए किसान रिडोमिल एम जेड दवा एक ग्राम 10-15 लीटर पानी में घोल बना ले. उसमें एक मुट्ठी कपड़ा धोनेवाला सर्फ या तीसी का तेल डाल कर छिड़काव करना चाहिए. वर्षा क स्थिति समाप्त होने के बाद जब आसमान साफ होने पर स्प्रे करें. कहा कि गेहूं की खेतों में किसान एक किलो प्रति कट्ठा के हिसाब से यूरिया का छिड़काव करें.
कृषि वैज्ञानिक ने कहा कि तोरी, सरसों आदि तेलहन क फसलों में रोगड़ का स्प्रे करना चाहिए. कारण कि इसमें लाही के प्रकोप की संभावना रहती है. इधर, किसान महबुब आलम, राजनारायण साह, विजय सिंह आदि का कहना है कि शिवहर के लोगों का जिविका का मुख्य आधार कृषि है. ऐसे में सरकारी सिंचाई सुविधा का भी अभाव है. वर्ष गेहूं के लिए अमृत है, किंतू आलू के लिए अभिशाप है.

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