गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की आस संभव नहीं
शिवहर : सरकार द्वारा विद्यालयों में साइकिल, पोशाक, छात्रवृत्ति व प्रोत्साहन राशि वितरण करने का निर्देश दिया गया है. इस योजना की शुरुआत से एक ओर छात्रों को लाभ मिल रही है तो दूसरी ओर पढ़ाई का माहौल दिन प्रति दिन समाप्त होता जा रहा है. यह कहना है पूर्व जिला पार्षद सह साइंस फॉर […]
शिवहर : सरकार द्वारा विद्यालयों में साइकिल, पोशाक, छात्रवृत्ति व प्रोत्साहन राशि वितरण करने का निर्देश दिया गया है. इस योजना की शुरुआत से एक ओर छात्रों को लाभ मिल रही है तो दूसरी ओर पढ़ाई का माहौल दिन प्रति दिन समाप्त होता जा रहा है.
यह कहना है पूर्व जिला पार्षद सह साइंस फॉर सोसाइटी का अध्यक्ष अजबलाल चौधरी व वरीय अधिवक्ता सतीश नंदन सिंह का.
संयुक्त रूप से एक बयान जारी कर बताया कि खास कर इस वर्ष प्रधान शिक्षकों को विभिन्न परेशानियों से गुजरना पड़ रहा है. एक तरफ शिक्षकों को सरकार द्वारा गैर शैक्षणिक कार्यो में नहीं लगने की बात कही जा रही है तो दूसरी ओर प्राथमिक व मध्य विद्यालय में शिक्षकों व प्रधानाध्यापक एमडीएम को लेकर तनाव में रहते हैं.
विद्यालयों में नामांकित छात्र-छात्राओं को उपस्थिति से लेकर वितरण तक शिक्षकों को विद्यार्थी के पढ़ाई के लिए समय नहीं मिलता है. इस प्रकार शिक्षकों को अन्य कार्यो में उलझ जाने से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की आशा नहीं किया जा सकता है. एमडीएम योजना के चलते पठन-पाठन पर प्रभाव पड़ता है, जिसके चलते लंच के पूर्व 60 फीसदी तो लंच के बाद छात्रों की संख्या काफी कम हो जाती है.
एमडीएम की स्थिति ठीक नहीं
केंद्र व राज्य सरकार के सफल प्रयास के बावजूद भी एमडीएम की स्थिति ठीक नहीं है. आये दिन कभी चावल के चलते तो कभी राशि के अभाव में एमडीएम बंद रहता है और विद्यालय के प्रधान शिक्षक समेत अन्य शिक्षक इसको लेकर भी परेशान रहते हैं.
अभिभावकों की अपेक्षाएं बढ़ीं
नाम नहीं छापने के शर्त पर कई विद्यालय के प्रधान ने बताया कि पोषक क्षेत्र के अभिभावकों की अपेक्षाएं सरकार व विद्यालय प्रधान से बढ़ी हुई है, जिन छात्र-छात्राओं की उपस्थिति नगण्य है वे भी पोशाक व छात्रवृत्ति के लाभ की आशा रखते हैं. और बाद में उग्र हो कर धरना- प्रदर्शन कर गलत आरोप लगाते हैं. ऐसे में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का आशा करना संभव नहीं लगता है.