विकास से वंचित है बहुआरा
शिवहरः आजादी के दशकों बाद भी जिले के सीमावर्ती गांव बहुआरा में विकास की रोशनी नहीं पहुंची है. सड़क, शिक्षा, बिजली व पेयजल जैसी बुनियादी सुविधाओं का आज भी अभाव है. पंचायती राज गठन के बाद वर्ष 2001 के चुनाव के बाद गांव वासी आशान्वित थे कि गांव का विकास होगा और गांधी जी के […]
शिवहरः आजादी के दशकों बाद भी जिले के सीमावर्ती गांव बहुआरा में विकास की रोशनी नहीं पहुंची है. सड़क, शिक्षा, बिजली व पेयजल जैसी बुनियादी सुविधाओं का आज भी अभाव है. पंचायती राज गठन के बाद वर्ष 2001 के चुनाव के बाद गांव वासी आशान्वित थे कि गांव का विकास होगा और गांधी जी के ग्राम स्वराज का सपना पूरा होगा. लेकिन वर्ष 2006 के चुनाव एवं वर्ष 2011 चुनाव के बाद भी गांव समस्याओं के मकड़जाल में उलझ कर रह गया है.
बहुआरा बहुआरा दुर्गालय से बेनीपुर जानेवाली सड़क जगह- जगह गड्ढों में तब्दील है. हल्की बारिश में हीं इस पथ से आवागमन अवरुद्ध हो जाता है. इस सड़क का निर्माण प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना से कराया जा रहा था, जो मिट्टीकरण के काम से आगे नहीं बढ़ सका है. वहीं, बहुआरा से रामवन बाजार तक जानेवाली सड़क का सोलिंग भी जगह-जगह उखड़ चुका है. इससे आवागमन में समस्या होती है. मध्य विद्यालय से दुर्गालय तक की सड़क कच्ची सड़क है. इस पर हाल में पंचायत द्वारा मिट्टी करण का कार्य कराया गया था. किंतु पक्कीकरण के अभाव में इस सड़क पर बरसात में पैदल चलना भी मुश्किल है. रामचंद्र सिंह के दरवाजे मोड़ से नुनिया टोला होते फुलकाहा सीमान तक की सड़क भी कच्ची सड़क है. जिस पर आवागमन की समस्या बनी रहती है.
बहुआरा के लोगों की सबसे बड़ी समस्या से मोहर यादव टोला होते मुख्य पथ तक पहुंचने की है. सीवान से फलकाहां मोहर यादव टोला तक की सड़क को निर्माण नहीं हो सका है. जिससे आवागमन की समस्या बनी रहती है. ग्रामीण विश्वनाथ सिंह, शशांक शांडिल्य, विनय पंडित, अजरुन महतो, शत्रुघ्न सिंह का कहना है कि गांव की महत्व पूर्ण समस्या विद्युत सुविधा का अभाव है. इससे लोगों की झोंपड़ियां अंधेरे में डूबी रहती है. एनएचपीसी द्वारा गांव के कुछ भागों में ताड़ पोल गाड़ कर विद्युतीकरण की महज खानापूर्ति की है. इससे गांव में बाज तक विद्युत की रोशनी नहीं जगमगा सकी है. कृषि प्रधान इस गांव में सिंचाई सुविधा का अभाव है. सरकारी सिंचाई सुविधा के अभाव में गांव के लोग पंपिंग सेट से खेती करने को लाचार है. किंतु बैंक के सुविधा शुल्क नीति के कारण लोग को यह सुविधा भी नहीं मिल पर रही है.