कालाजार के 80 प्रतिशत मरीज बिहार में
पुपरी : स्थानीय पीएचसी में कालाजार उन्मूलन कार्यक्रम के तहत प्रभारी डॉ सुरेंद्र कुमार की अध्यक्षता में आशा का एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें पुपरी एवं चोरौत प्रखंड के आशा कार्यकर्ताओं को कालाजार उन्मूलन के लिए डीडीटी छिड़काव के बारे में जानकारी दी गयी. बताया गया कि कालाजार एक घातक बीमारी है. […]
पुपरी : स्थानीय पीएचसी में कालाजार उन्मूलन कार्यक्रम के तहत प्रभारी डॉ सुरेंद्र कुमार की अध्यक्षता में आशा का एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें पुपरी एवं चोरौत प्रखंड के आशा कार्यकर्ताओं को कालाजार उन्मूलन के लिए डीडीटी छिड़काव के बारे में जानकारी दी गयी.
बताया गया कि कालाजार एक घातक बीमारी है. यह बीमारी आम तौर पर ग्रामीण क्षेत्रों के वैसे लोगों को होती है जो झोपड़ियों व कच्चे घरों में रहते हैं. साथ ही घरों के आस-पास मवेशियों को रखते है. कालाजार का 80 प्रतिशत मरीज सिर्फ बिहार के होते है. खास तौर पर दलित व महादलित समुदाय के लोग इस बीमारी से प्रभावित होते है. बताया गया कि कालाजार बालू मक्खी के काटने से होती है.
बालू मक्खी को समाप्त करने का एक मात्र तरीका है डीडीटी का पूरे घर में छिड़काव. मौके पर डा अरुण वर्मा, अस्पताल प्रबंधक मनोज कुमार, केवीएस दीपक कुमार, एनआरजेना व केयर इंडिया के रोहित रैना मौजूद थे.