शिवहरः जिले के बेलवा नरकटिया में बागमती नदी की धारा के कारण कटाव की स्थिति बनी हुई है. नदी के जलस्तर में वृद्धि के साथ कटाव से नरकटिया गांव के लोगों में दहशत है. लोग भयभीत हैं कि कटाव के साथ उनके गांव का अस्तित्व कहीं समाप्त न हो जाये. फिलहाल नदी के जलस्तर में वृद्धि के साथ नदी का जल सरेह में अबतक नहीं फैला है.
इधर, मौसम के मिजाज में आये बदलाव व अतिवृष्टि के कारण बाढ़ की संभावना को लेकर जिला प्रशासन सतर्क है. डीएम द्वारा बेलवा का निरीक्षण किया गया है. किंतु बेलवा- नरकटिया के लोग बाढ़ की संभावना मात्र से खौफजदा है.
नरकटिया निवासी कपिल सहनी, गगनदेव सहनी, मो रहमान समेत अन्य का कहना है कि 1987, 93, 95, 96,98, 2000, 2001, 02, 04 व 2007 में जिले में प्रलयंकारी बाढ़ आयी. इसमें नरकटिया का अस्तित्व समाप्त हो गया. लोग विस्थापित जीवन व्यतीत किये. काफी जान- माल की क्षति हुई. गांव के लोग उत्तर व पूरब से हट कर पश्चिम तट पर जा बसे. फिलहाल नदी में कटाव हो रहा है. इस पर नियंत्रण जरूरी है. हालांकि, अभी नदी में जल का फ्लो तेज है. ऐसे में कटाव शुरू हो जाता है. फिलहाल नदी व नरकटिया गांव की दूरी कटाव से कम हुई है. इधर, नदी के जल स्तर में वृद्धि जारी है. कार्यपालक अभियंता राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि नदी का जल डुब्बा घाट पर बुधवार को खतरे के निशान से 92 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है. उन्होंने नरकटिया के मामले में उन्होंने कहा कि 73.45 करोड़ की योजना पर कार्य होने से बेलवा- देवापुर तक बांध का निर्माण पुरानी धरा के मुहाने पर स्लुइस गेट का निर्माण होगा. बांध निर्माण से नरकटिया गांव सुरक्षित हो जायेगा. उन्होंने कहा कि स्लुइस गेट से 50 क्यूसेक जल का बहाव होगा, जिससे हजारों किसानों की खुशहाली लौटेगी.